
लंबे समय से लंबित अंतर-राज्यीय सीमा विवाद (Long pending inter-state border dispute) को हल करने के लिए असम और मेघालय सरकार ने बुधवार को अहम फैसला लिया. दोनों सरकारें अगले साल 15 जनवरी तक 12 में से छह स्थानों पर अंतरराज्यीय सीमा विवाद के मुद्दे को हल करेंगी. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री असम और मेघालय दोनों की क्षेत्रीय समितियों द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्टों के आधार पर निर्णय लेंगे, ताकि मतभेदों के बीच जटिल क्षेत्रों में लंबे समय से लंबित सीमा मुद्दे को हल किया जा सके.
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और उनके मेघालय समकक्ष कोनराड संगमा के बीच बुधवार शाम गुवाहाटी के कोइनाधारा स्टेट गेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसी दौरान यह निर्णय लिया गया. मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन तिनसोंग ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों ने फैसला किया कि 12 में से छह स्थानों में लंबे समय से लंबित अंतर-राज्यीय सीमा मुद्दों को 15 जनवरी 2022 को या उससे पहले हल किया जाएगा.
प्रेस्टोन तिनसॉन्ग ने कहा कि एक बार फिर असम और मेघालय के दोनों मुख्यमंत्रियों ने सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा की है. जहां आज की बैठक बहुत महत्वपूर्ण रही. दोनों मुख्यमंत्रियों ने फैसला किया है कि 15 जनवरी को या उससे पहले दो बार फिर बैठेंगे और मुद्दों को सुलझा लेंगे.
क्षेत्रीय समितियों की रिपोर्ट के आधार पर होगा फैसला
इस साल 31 दिसंबर को या उससे पहले असम और मेघालय की दोनों क्षेत्रीय समितियों को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को देनी होगी. उसके बाद फिर से एक इन-हाउस बैठक होगी. 15 जनवरी को या उससे पहले दोनों मुख्यमंत्री अंतिम निर्णय करेंगे. मेघालय के डिप्टी सीएम ने कहा कि असम और मेघालय के मुख्यमंत्री लगभग 50 वर्षों तक चले सीमा मुद्दे को हल करने के लिए दृढ़ हैं.
दूसरी ओर, असम सरकार द्वारा गठित एक क्षेत्रीय समिति के अध्यक्ष असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में दोनों राज्यों की क्षेत्रीय समितियों के सभी अध्यक्ष भी मौजूद थे.
इन जगहों को लेकर चल रहा है सीमा विवाद
छह विवादित जगहें ताराबारी, गिज़ांग, फहाला, बकलापारा, खानापारा (पिलिंगकाटा) और रातचेरा हैं. ये क्षेत्र असम के कछार, कामरूप और कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिलों और मेघालय के पश्चिम खासी हिल्स, री-भोई और पूर्वी जयंतिया हिल्स के अंतर्गत आते हैं. पिछले 9 दिसंबर को मेघालय सरकार द्वारा असम के साथ अंतर-राज्य सीमा विवादों को निपटाने के लिए गठित तीन क्षेत्रीय समितियों में से दो ने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
दोनों राज्यों के सीएम ने ट्वीट कर कहा: जल्द सुलझा लेंगे मुद्दे
दूसरी ओर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया कि हम अपने पड़ोसियों के साथ सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. हमारी क्षेत्रीय समितियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. हम कई विवादित सीमा क्षेत्रों पर अंतिम समझौते की दिशा में काम कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि धीरे-धीरे हम मेघालय और अन्य पड़ोसी राज्यों के साथ लंबे समय से लंबित सीमा मुद्दों को हल करने में सक्षम होंगे.
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने ट्वीट किया कि असम के समकक्ष के साथ सीमा मुद्दे पर राजनीतिक स्तर पर बैठक हुई, जिसमें पहले चरण की चर्चा के लिए मतभेदों के 6 क्षेत्रों को लिया गया. हमने अपने संयुक्त संवाद के माध्यम से काफी सकारात्मक प्रगति की है और जल्द ही एक सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने की उम्मीद है.