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असम के सीमावर्ती इलाके में लगाए जा रहे हैं ब्लॉकेड... जानिए मिजोरम कैसे पहुंच रहा है राशन पानी?

स्थानीय निवासी हलाल का कहना है कि 6 पुलिसवालों की मौत के खिलाफ उन्होंने मिजोरम के लिए ब्लॉकेड लगाया है ताकि कोई भी गाड़ी असम से मिजोरम प्रवेश ना कर पाए. हलाल का आरोप है कि पिछले कुछ समय से मिजोरम अपनी सीमा को 2 किलोमीटर आगे तक बढ़ा चुका है.

असम-मिजोरम सीमा पर तनावपूर्ण हालात (फाइल फोटो) असम-मिजोरम सीमा पर तनावपूर्ण हालात (फाइल फोटो)
आशुतोष मिश्रा
  • सिलचर,
  • 31 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST
  • असम-मिजोरम के बीच जारी तनाव नहीं हुए कम
  • असम की सभी सीमाओं को किया जा रहा बंद
  • सिलचर समेत दूसरे जिलों में भी हालात तनावपूर्ण

असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव जारी है. 26 जुलाई को सीमा पर हुई गोलीबारी में छह पुलिस कर्मियों के मरने के बाद अब असम के कई सीमावर्ती इलाकों में मिजोरम के लिए ब्लॉकेड लगाया जा रहा है. अपने राज्य के पुलिस कर्मियों की मौत के विरोध में असम के लोग मिजोरम से जुड़ी हुई असम की सभी सीमाओं को पूरी तरह बंद कर रहे हैं. इन जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.  सिर्फ सिलचर ही नहीं दूसरे जिलों में भी तस्वीर ऐसी ही दिखाई दे रही हैं. 

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आजतक की टीम सिलचर से लगभग 100 किलोमीटर दूर करीमगंज जिले में मिजोरम से लगती हुई सीमा पर पहुंची. 
यहां पर एक छोटा पुल बना है जो 2 राज्यों को जोड़ता है. पुल की एक तरफ असम का करीमगंज जिला खत्म होता है तो दूसरी तरफ मिजोरम के मामित जिले की सीमा शुरू होती है. यहां पर दोनों राज्यों की ओर से निर्माण कार्य दिखाई दे रही हैं. असम की तरफ से बोलो में मिट्टी भरकर ब्लॉक ईंट और बांस के बैठे लगाए गए हैं. तो मिजोरम की ओर से भी ऐसी ही तैयारियां होती दिखाई पड़ी हैं. 

पहाड़ी इलाकों पर बंकर

आजतक की टीम को इस चेकप्वाइंट के आगे नहीं जाने दिया गया. असम की सीमा में ऊंचे पहाड़ी इलाकों पर भी बंकर बना दिए गए हैं. तो वहीं मिजोरम की सीमाओं में भी ऊंचाई पर बंकर दिखने लगे हैं. यकीन नहीं होता कि यह तो राज्यों के बीच उपजे विवाद के बाद की स्थिति है. क्योंकि अमूमन ऐसा दो दुश्मन राज्यों की सीमाओं पर ही देखा जाता है. हैरत की बात ये है कि राज्य की सीमा पर ब्लॉकेड लगा रहे निवासियों को पुलिस भी रोक नहीं रही है. 

और पढ़ें- असम: मिजोरम के साथ सीमा विवाद पर एकजुट हुए MLA, राज्यसभा अध्यक्ष से मिलने की तैयारी
  
स्थानीय निवासी हलाल का कहना है कि 6 पुलिसवालों की मौत के खिलाफ उन्होंने मिजोरम के लिए ब्लॉकेड लगाया है ताकि कोई भी गाड़ी असम से मिजोरम प्रवेश ना कर पाए. हलाल का आरोप है कि पिछले कुछ समय से मिजोरम अपनी सीमा को 2 किलोमीटर आगे तक बढ़ा चुका है. 26 जुलाई की हिंसा के बाद उन्होंने कई बंकर बना लिए हैं. जहां एलएमजी भी तैनात कर दी गई है.

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26 जुलाई को एलएनजी का इस्तेमाल

बता दें कि सिलचर सीमा पर भी स्थानीय लोगों और पुलिस ने आरोप लगाया था कि मिजोरम की ओर से 26 जुलाई को एलएनजी यानी लाइट मशीन गन का इस्तेमाल किया गया था. 

मिजोरम की ज्यादातर सीमाएं असम से ही लगती हैं. लेकिन उसका एक हिस्सा त्रिपुरा से भी सटा हुआ है. ऐसे में असम की ओर से अघोषित इकोनॉमिक ब्लॉकेड के चलते जल्दी ही मिजोरम के लिए सप्लाई की समस्या खड़ी हो सकती है. फिलहाल मिजोरम को दाना पानी तेल जैसी सारी सप्लाई त्रिपुरा के बॉर्डर से ही हो रही है. 

उत्तर त्रिपुरा से सटा हुआ मिजोरम का इकलौता बॉर्डर, मिजोरम के लिए संजीवनी साबित हो रहा है. डीजल, पेट्रोल, राशन, पानी, सब्जी, फल हर जरूरत की चीजें इसी रास्ते से मिजोरम भेजी जा रही हैं. 


सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त

त्रिपुरा पुलिस की भारी सुरक्षा के बीच, जरूरत के सभी सामान ट्रकों और गाड़ियों में दोनों सीमाओं को जोड़ने वाले ब्रिज से मिजोरम की ओर जा रहा है. उत्तर त्रिपुरा की तरफ से पुलिस इंचार्ज शोविक कुमार कहते हैं कि हाल ही में यहां से ज्यादा गाड़ियों के जाने का सिलसिला शुरू हुआ है और इस सीमा से पेट्रोल राशन और दूसरी जरूरत का सामान मिजोरम जा रहा है. हमने सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए हैं.

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स्थानीय ट्रांसपोर्ट ने बताया कि पहली बार ट्रक में इतनी बड़ी मात्रा में अंडे भरकर मिजोरम ले जाए जा रहे हैं. एक-एक करके गाड़ियों को इस पतले संकरे पुल से त्रिपुरा से होते हुए मिजोरम की ओर छोड़ा जा रहा है. जाहिर है इस एक रास्ते से मिजोरम की जरूरतें पूरी नहीं होंगी. ऐसे में जल्दी ही दोनों राज्यों के बीच बातचीत से तमाम दूसरे रास्ते भी निकालने होंगे.
 

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