
असम-मिजोरम सीमा (Assam-Mizoram Border Issue) पर सोमवार को एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी, जिसके बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से हस्तक्षेप की मांग की है. शाह ने दो दिन पहले ही सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात की थी.
दोनों राज्यों की सीमा पर तनाव इस कदर बढ़ गया कि हालात को काबू में करने के लिए सीआरपीएफ को तैनात करना पड़ा. हालांकि, सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती के बाद हालात पहले से कुछ बेहतर हुए हैं, लेकिन स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है. सीआरपीएफ ने हिंसा में शामिल असम के लोगों को उनके राज्य में वापस जाने के लिए तैयार कर लिया है. वहीं, जवान मिजोरम पक्ष के लोगों को भी पीछे हटने के लिए मना रही है.
इस हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवान शहीद हो गए. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि मुझे यह बताते हुए अत्यंत दुख हो रहा है कि असम पुलिस के छह वीर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया.
वहीं, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्विटर पर असम-मिजोरम सीमा पर भीड़ की पुलिस के साथ झड़प का एक वीडियो पोस्ट किया. मिजोरम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा: "श्री अमित शाहजी, कृपया मामले को देखें. इसे अभी रोकने की जरूरत है.''
एक अन्य ट्वीट में, मिजोरम के सीएम जोरमथांगा ने कहा कि कछार से मिजोरम वापस जाते समय एक कपल को गुंडों द्वारा पीटा गया. मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा कि आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे जायज ठहरा सकते हैं. वहीं, दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक और ट्वीट किया, जिसमें लिखा कि जोरमथांगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के एसपी हमें हमारे पोस्ट से हटने के लिए कह रहे हैं, तब तक उनके नागरिक न सुनेंगे और न ही हिंसा रोकेंगे. ऐसे में हम सरकार कैसे चला सकते हैं? मुख्यमंत्री ने अमित शाह और पीएमओ को टैग करते हुए लिखा कि आशा है कि आप जल्द से जल्द हस्तक्षेप करेंगे.
बता दें कि पड़ोसी राज्य मिजोरम के संदिग्ध बदमाशों ने 10 जुलाई को कछार जिले में असम सरकार के अधिकारियों की एक टीम पर उस समय ग्रेनेड फेंक दिया था, जब अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा था.
उससे एक दिन पहले राज्य की सीमा पर असम और मिजोरम दोनों के मुख्य सचिवों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी. बता दें कि असम और मिजोरम की 164.6 किलोमीटर की सीमा शेयर करते हैं.