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असम: कॉर्डिनेटर ने HC को बताया- पिछले साल आई NRC लिस्ट फाइनल नहीं, 4700 नाम में गड़बड़ी

असम में पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NRC की लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें 19 लाख के करीब नाम छूट गए थे. अब स्टेट कॉर्डिनेटर का कहना है कि वो लिस्ट फाइनल नहीं थी.

पिछले साल जारी की गई थी लिस्ट (FILE) पिछले साल जारी की गई थी लिस्ट (FILE)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:24 AM IST
  • असम में NRC लिस्ट पर संशय जारी
  • कॉर्डिनेटर ने कहा- फाइनल नहीं सूची
  • हाईकोर्ट में दिया गया है हलफनामा

असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के कॉर्डिनेटर हितेश शर्मा ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि पिछले साल जो लिस्ट जारी की गई, वो फाइनल नहीं है. अभी फाइनल लिस्ट जारी होना बाकी है. 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हाईकोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में बताया गया है कि 31 अगस्त, 2019 को जो लिस्ट जारी की गई, उसमें करीब 4700 नामों में गड़बड़ी है. ऐसे में उस लिस्ट को फाइनल ना माना जाए.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले साल अगस्त में असम में NRC की लिस्ट जारी की गई थी. जिसमें से 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया था, इनमें करीब 11 लाख मुस्लिम, 6 लाख हिन्दू आबादी के लोग थे. हालांकि, असम सरकार की ओर से बार-बार पिछले साल जारी लिस्ट पर सवाल खड़े किए गए हैं और केंद्र-अदालत से उस लिस्ट को खारिज करने की मांग की गई थी.  

पिछले साल जब लिस्ट से 19 लाख लोगों को बाहर किया गया, जिनमें कुछ बड़े नाम भी शामिल थे. तब एक ट्रिब्यूनल का रास्ता दिया गया, जिसके जरिए लोग फिर से अपने कागज दे सकते हैं. 

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अब ताजा हलफनामे में कॉर्डिनेटर हितेश शर्मा ने कहा है कि उन्होंने इसकी जानकारी रजिस्ट्रार जनरल को दी है, लेकिन अभी ये नहीं बताया जा सकता है उसके बारे में नहीं कह सकते हैं. 

पिछले साल सूची सामने आने के बाद कई जिलों ने पुराने नामों को जोड़ने, कुछ नामों को हटाने की मांग की गई थी. जिसके बाद लिस्ट पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे थे. 

आपको बता दें कि असम की NRC लिस्ट में सामने आई गड़बड़ी का हवाला देकर कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. केंद्र की ओर से लाए गए नागरिकता संशोधन कानून और नागरिकता रजिस्टर से जुड़े कानूनों में बदलाव पर विपक्ष ने आपत्ति जताई थी. 

 

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