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'जो NRC के लिए अप्लाई नहीं करेगा, उसका नहीं बनेगा आधार कार्ड...', असम की हिमंता सरकार का ऐलान

असम सरकार ने एनआरसी के लिए आवेदन को अनिवार्य कर दिया है. बिना एनआरसी आवेदन के आधार कार्ड जारी नहीं किया जाएगा. बांग्लादेश से घुसपैठ को देखते हुए राज्य सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है और एप्लिकेशन वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को मजबूत किया गया है.

हिमंता बिस्वा सरमा हिमंता बिस्वा सरमा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:27 AM IST

असम में एनआरसी को लेकर असम सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि एनआरसी के लिए अप्लाई करना अनिवार्य है, और जिन लोगों ने एनआरसी के लिए अप्लाई नहीं किया है, उन्हें आधार कार्ड भी नहीं दिया जाएगा. 

राज्य की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने कहा कि अगर एप्लिकेंट या उसके परिवार ने एनआरसी के लिए आवेदन नहीं किया है तो यूनिक आइडेंटिटी कार्ड (आधार) हासिल करने के लिए सभी आवेदन खारिज कर दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि यह फैसला कैबिनेट की मीटिंग में किया गया है जब उथल-पुथल बांग्लादेश के लोग घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं.

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बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ चिंता की बात

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "असम पुलिस, त्रिपुरा पुलिस और बीएसएफ ने पिछले दो महीनों में घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया है. यही वजह है कि बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ हमारे लिए चिंता की बात है. हमें अपने सिस्टम को मजबूत करना होगा और इसलिए आधार मकेनिज्म को टफ बनाया गया है."

कैबिनेट मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट आधार आवेदकों के वेरिफिकेशन का काम देखेगी और हर जिले में एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर इस काम के लिए जिम्मेदार होंगे.

यूआईडीएआई पहले राज्य सरकार को भेजेगी एप्लिकेशन

सीएम ने बताया, "शुरुआती एप्लिकेशन के बाद, यूआईडीएआई राज्य सरकार को वेरिफिकेशन के लिए भेजेगी, और फिर एक सर्किल ऑफिसर इस बात की पुष्टि करेंगे कि आवेदक या उसके परिवार के सदस्यों ने एनआरसी के लिए अप्लाई किया है या नहीं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये नियम केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा.

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कैबिनेट द्वारा स्वीकार किए एसओपी के मुताबिक, राज्य सरकार जमा किए गए दस्तावेजों का सत्यापन करेगी और इसके 45 दिनों के भीतर उन्हें यूआईडीएआई को ऑनलाइन वापस कर देगी. बता दें कि, आखिरी बार एनआरसी 31 अगस्त, 2019 को जारी की गई थी, जिसमें 19,06,657 लोगों को बाहर रखा गया था. 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल किए गए थे.

आबादी से ज्यादा आधार एप्लिकेशन

बिजनेस टुडे की सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दावा किया था राज्य के चार जिलों में आधार आवेदक आबादी से ज्यादा हो गए हैं, जिसपर उन्होंने फर्जीवाड़े की संभावना जताई थी. इस मामले के बाद उन्होंने तब कहा था कि इसलिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि आधार एप्लिकेशन के साथ एनआरसी एप्लिकेशन रिसिप्ट नंबर भी देना होगा.

मुख्यमंत्री सरमा ने बताया था कि ढुबरी समेत ऐसे चार जिले हैं जहां आबादी से ज्यादा आधार एप्लिकेशन आए हैं. उन्होंने कहा था कि इनमें बारपेटा 103.74 फीसदी, ढुबरी 103 फीसदी, और दोनों मोरिगांव और नगांव में 101 फीसदी एप्लिकेशन आए हैं.

असम में पकड़े गए दो बांग्लादेशी

अगस्त महीने में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने दो बांग्लादेशी घुसपैठिए को पकड़े जाने की बात बताई थी. एक एक्स पोस्ट में उन्होंने तस्वीरें शेयर की थी और कहा था कि असम पुलिस ने बदरपुर रेलवे स्टेशन पर दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए लोगों की पहचान बांग्लादेश के मॉडलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले मासूम खान और ढाका की रहने वाली सोनिया अख्तर के रूप में हुई है.

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