
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के कॉर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने असम के सभी जिला अधिकारियों से अयोग्य लोगों का नाम लिस्ट से हटाने का आदेश दिया है. पिछले साल अगस्त में NRC की फाइनल लिस्ट साझा की गई थी, जिसमें 19 लाख लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
एनआरसी की ओर से ये फैसला तब लिया गया है जब राज्य में बीजेपी की सरकार की ओर से मांग की गई थी कि करीब 10-20 फीसदी लिस्ट का रि-वेरीफिकेशन होना चाहिए. जिला अधिकारियों को लिखी अपनी चिट्ठी में हितेश देव सरमा ने कहा है कि एनआरसी लिस्ट में कुछ विदेशी, डाउटफुल वोटर और अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं, ऐसे में उन लोगों के नामों को लिस्ट से बाहर कर दिया जाए.
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हितेश देव सरमा ने इंडिया टुडे को बताया कि ऐसे कई केस सामने आए हैं जहां ऐसे लोगों के नाम लिस्ट में जोड़े गए हैं जो उसके लिए अयोग्य हैं. इसलिए हमने ऐसे लोगों के नाम लिस्ट से हटाने को कहा है.
आदेश के अनुसार, एनआरसी लिस्ट से इनका नाम हटाने के बाद वेरिफिकेशन करना होगा ताकि दोबारा गलती से उनका नाम इस लिस्ट में ना जुड़ जाए. इस प्रक्रिया के बाद जिला अधिकारियों को स्टेट NRC कॉर्डिनेटर को पूरी सूची सौंपनी होगी.
बता दें कि असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में देकर कहा था कि लिस्ट में शामिल बीस फीसदी नामों का फिर से वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए. आंकड़े के मुताबिक, असम में इस तरह करीब एक लाख से अधिक डिफॉल्ट वोटर हैं. अब एक बार जब ये प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तो दोबारा फाइनल लिस्ट विधानसभा में पेश होगी और फिर सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी.