
असम के दरांग जिले के धौलपुर गांव में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है. सुरक्षा कारणों से बलुआ घाट इलाके में भारी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस घटना को लेकर कहा है कि लगभग 10,000 लोगों ने सुरक्षाकर्मियों को घेर लिया और उनके खिलाफ हिंसा की. अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया बातचीत के दौरान सहमति होने के बाद शुरू की गई थी. हमें घटनास्थल पर किसी तरह के विरोध की आशंका नहीं थी. लेकिन वहां लोगों ने पुलिस को घेर लिया और उनपर हमला किया. जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में ये सब किया. उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई.
वहीं सुकुर अली नाम के एक चश्मदीद ने बताया कि जब यह घटना घटी तो मैं वहीं पर था. यह घटना धौलपुर गांव में घटी, जहां कुछ लोगों ने सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके, जब वह अतिक्रमण वाला इलाका ख़ाली करवाने गए थे. जिला प्रशासन की तरफ से अस्थायी पुलिस और सीआरपीएफ कैंप बनाए गए हैं.
अब्दुल बासित नाम के एक और चश्मदीद ने बताया कि इस घटना में तीन लोगों की जान गई है, जबकि 20-25 लोग घायल हैं. जबकि आधिकारिक तौर पर सिर्फ दो लोगों की मौत बताई जा रही है. फिलहाल 4-5 लोग अभी भी लापता हैं. 70 साल के शेख फरीद ने बताया कि सिपाझार विधानसभा सीट में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
मोहम्मद अब्दुल खलीक नाम के एक अन्य निवासी ने कहा कि एक दिन पहले तक मैं और मेरा परिवार नहीं जानता था कि फरीद कहां गया है. बाद में पता चला कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ था. पुलिस फायरिंग के दौरान उसे गोली लगी थी, जिसमें वह घायल हो गया था. बाद में उसकी मौत हो गई. हमें इंसाफ चाहिए. पुलिस निर्दोष लोगों पर फायरिंग कैसे कर सकती है?
स्थानीय लोगों के मुताबिक मोइनुल हक़ नाम के एक और शख्स की मौत हुई है. वह तीन नंबप धौलपुर एरिया में रहता था.
जिन लोगों को सुरक्षा बलों द्वारा खाली कराया गया है, वह फिलहाल अस्थायी निवास में रह रहे हैं. इन सभी लोगों ने धौलपुर इलाके में नदी के किनारे अपना आशियाना बनाया है.