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देश में पहली बार इस राज्य को मिलेगा अपना सैटेलाइट, सीमा की निगरानी और विकास में मिलेगी मदद

असम देश का पहला ऐसा राज्य होगा जिसके पास अपनी सैटेलाइट होगी. इसका ऐलान वित्त मंत्री अजन्ता नियोग ने साल 2025-26 का राज्य बजट पेश करते हुआ किया. इसके लिए असम सरकार ने इसरो से बातचीत भी शुरू कर दी है. इसको लेकर सीएम सरमा ने कहा, 'अगर हमारे पास अपना उपग्रह होगा, तो यह हमें जानकारी देगा कि कोई बाहरी व्यक्ति अवैध रूप से राज्य में प्रवेश कर रहा है या नहीं, यह बाढ़ जैसी आपदाओं की पूर्व जानकारी देगा और किसानों को मौसम संबंधी रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएगा.'

यह सांकेतिक तस्वीर है यह सांकेतिक तस्वीर है
aajtak.in
  • गुवाहाटी,
  • 10 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

असम सरकार ने सोमवार को बड़ी घोषणा की है. राज्य को अपना सैटेलाइट मिलेगा जो समाजिक और आर्थिक विकास परियोजनाओं को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करने और सीमाओं की निगरानी में मदद करेगा.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह ऐतिहासिक घोषणा वित्त मंत्री अजन्ता नियोग ने 2025-26 का राज्य बजट पेश करते हुए की. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जिसका अपना उपग्रह होगा.

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कैसे काम करेगा ASSAMSAT 

वित्त मंत्री अजन्ता नियोग ने बताया कि यह उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष विभाग के IN-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorisation Centre) के सहयोग से विकसित किया जाएगा.

इसका ऐलान करते हुए राज्य के वित्त मंत्री ने कहा, 'हम अपने उपग्रह 'ASSAMSAT' की स्थापना करना चाहते हैं ताकि समाज-आर्थिक विकास परियोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सतत और विश्वसनीय डेटा हासिल किया जा सके.'

सैटेलाइट से किन क्षेत्रों में मिलेगा फायदा?

यह उपग्रह कृषि, आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के विकास, सीमा सुरक्षा प्रबंधन और पुलिस अभियानों में उपयोगी साबित होगा. साथ ही, यह राज्य के छात्रों की वैज्ञानिक कल्पनाशक्ति को बढ़ावा देगा, क्योंकि उन्हें IN-SPACe और इसरो की मदद से प्रायोगिक उपग्रह बनाने की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा.

वहीं इसको लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर हमारे पास अपना उपग्रह होगा, तो यह हमें जानकारी देगा कि कोई बाहरी व्यक्ति अवैध रूप से राज्य में प्रवेश कर रहा है या नहीं, यह बाढ़ जैसी आपदाओं की पूर्व जानकारी देगा और किसानों को मौसम संबंधी रिपोर्ट भी उपलब्ध कराएगा.'

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उन्होंने हाल ही में जनवरी में हुए कोयला खदान हादसे का जिक्र किया, जिसमें नौ श्रमिकों की मौत हो गई थी. सीएम ने कहा, 'हमें उस खदान का डेटा प्राप्त करने में 45 दिन लग गए, क्योंकि हमें उन उपग्रहों से जानकारी लेनी पड़ी, जो उस दौरान वहां से गुजरे थे. इसलिए, हम अपना उपग्रह विकसित करेंगे, जो हमारे भौगोलिक क्षेत्र पर लगातार नजर रखेगा.'

ISRO के साथ बातचीत शुरू

मुख्यमंत्री ने बताया कि इसरो के साथ इस परियोजना को लेकर शुरुआती बातचीत शुरू हो चुकी है. सरकार इस उपग्रह के विकास और लॉन्चिंग की प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने की योजना बना रही है.

 

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