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अतिक्रमण...पुलिस की गोली और फोटोग्राफर, जानिए असम में कैसे मचा बवाल

असम के दरांग जिले में पुलिस और लोगों के बीच ऐसी हिंसक झड़प हुई कि दो ने अपनी जान गंवा दी, वहीं 9 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. इस घटना के बाद एक फोटोग्राफर का वीडियो भी वायरल रहा जहां पर वो एक मृत के शव के साथ बर्बरता करता दिख गया.

असम हिंसा में गिरफ्तार हुआ फोटोग्राफर असम हिंसा में गिरफ्तार हुआ फोटोग्राफर
पॉलोमी साहा
  • गुवाहाटी,
  • 24 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST
  • असम हिंसा की पूरी टाइमलाइन जानिए
  • अतिक्रमण को लेकर बवाल, भीड़ हुई हिंसक
  • फोटोग्राफर ने बढ़ा दिया विवाद, गिरफ्तार

असम के दरांग जिले में पुलिस और लोगों के बीच ऐसी हिंसक झड़प हुई कि दो ने अपनी जान गंवा दी, वहीं 9 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. इस घटना के बाद एक फोटोग्राफर का वीडियो भी वायरल रहा जहां पर वो एक मृत के शव के साथ बर्बरता करता दिख गया. अब उस फोटोग्राफर की पहचान और गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन असम इस घटना के बाद से उबाल मार रहा है. जानिए इस विवाद में अब तक क्या-क्या हुआ-

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दरांग में हुआ क्या था?

असम के दरांग जिले में गुरुवार को पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी. पुलिस के मुताबिक वहां पर ये लोग अतिक्रमण करने आए थे. ऐसे में पुलिस को उस अतिक्रमण को हटाने का आदेश था. लेकिन उस कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया. इसके बाद पुलिस ने भी गोली चला दी और दो लोगों ने अपनी जान गंवा दी.

फोटोग्राफर कौन है और केस से क्या लेना-देना?

अब दरांग के उस बवाल के बाद स्थिति सामान्य हो पाती उससे पहले एक फोटोग्राफर का वीडियो तेजी से वायरल हो गया. उस वीडियो में एक फोटोग्राफर शव के साथ बर्बरता करता दिखाई दे रहा था. वो उसके शव पर कूद रहा था, उसके सीने में लात-घूंसे मार रहा है. लेकिन अब पुलिस ने उस फोटोग्राफर को गिरफ्तार कर लिया है. उसका नाम बिजय शंकर बनिया है जो दरांग में जिला कमिश्नर के ऑफिस में काम कर रहा है.

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असम बवाल पर जमकर राजनीति

असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने कहा, 'जब से हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री बने हैं, तब से हर काम में लगभग पुलिस को बहुत ताकत दी गई है और पुलिस भी हर स्थिति से निपटने के लिए गोलियों का सहारा ले रही है, जो नागरिकों के लिए चिंता का विषय है.' उन्होंने कहा कि पुलिस चाहती तो लोगों को पकड़ कर ले जा सकती थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि किसी को भी गोली मारो. उन्होंने कहा, 'दरांग के एसपी मुख्यमंत्री के भाई हैं. बड़ा भाई सीएम है, छोटा भाई एसपी है तो क्या जिसे चाहेंगे उसे गोली मारेंगे. हम ऐसा नहीं होने देंगे.'

उनके अलावा राहुल गांधी ने भी इस घटना की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है. मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं. भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है.

असम सरकार का क्या स्टैंड है?

इस घटना पर असम सरकार का स्टैंड एकदम स्पष्ट है. सूत्रों के हवालों से खबर है कि असम सरकार इस मामले में झुकने नहीं वाली है. सरकार का दावा है कि 3000 परिवारों ने 25  हजार एकड़ जमीन पर अपना कब्जा जमा लिया है. इसके अलावा एक पांच हजार साल पुराना मंदिर भी था, जिस पर अतिक्रमण कर लिया गया. सरकार की माने तो उन लोगों को दो एकड़ तक जमीन दी जा सकती है, जिनके पास खुद की कोई जमीन नहीं है. लेकिन स्थानीय लोग उस ऑफर से संतुष्ट नहीं थे. सरकार ने ये भी बताया है कि पहले लोगों को काफी शांति से हटाया जा रहा था, लेकिन गुरुवार को भीड़ हिंसक हो गई और ये विवाद खड़ा हो गया.

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