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'हमारी सहानुभूति उनलोगों के साथ...', कोविशील्ड पर चिंता के बीच एस्ट्राजेनेका का आया बयान

एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने कहा है कि उनकी सहानुभूति उन लोगों के प्रति है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है या स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरे हैं. कंपनी ने कहा है कि मरीज की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

वैक्सीन से जुड़ी चिंताओं पर एस्ट्राजेनेका का बयान. (फाइल फोटो) वैक्सीन से जुड़ी चिंताओं पर एस्ट्राजेनेका का बयान. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोविड-19 वैक्सीन से होने वाली 'रेयर साइड इफेक्ट' की चिंताओं के बीच इस वैक्सीन को बनाने वाली कंपनी का बयान आया है. ब्रिटेन की इस फार्मा कंपनी ने मरीजों की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई है. 

कंपनी ने कहा है कि उनकी संवेदना हर उस व्यक्ति के साथ है जिन्होंने किसी को खोया है अथवा वे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से गुजरे हैं. कंपनी ने कहा है कि मरीजों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. 

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बता दें कि इस वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने पहली बार ये माना था कि उनकी वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में साइड इफेक्ट हो सकते हैं. 

भारत में इस AstraZeneca की इस वैक्सीन का प्रोडक्शन अदार पूनावाला की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था. कंपनी ने इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बाजार में लॉन्च किया था. भारत में ये वैक्सीन करोड़ों लोगों को लगाई गई थी. 

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर अगर आपके मन में भी कोई चिंता है तो पढ़ लें क्या कह रहे डॉक्टर 

एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में संवेदना जताई और कहा,"हमारी सहानुभूति उन लोगों के प्रति है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है या स्वास्थ्य समस्याओं से गुजरे हैं. मरीज की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और नियामक अधिकारियों के पास वैक्सीन समेत सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट और कड़े मानक हैं"

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ये पूरा मामला तब सामने आया जब एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने ब्रिटेन की हाईकोर्ट में माना कि उसके कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम से शरीर में खून के थक्के जमने (Blood Clot) लगते हैं या फिर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं. बॉडी में ब्लड क्लॉट की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है.  
 

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