
माफिया अतीक अहमद के सताए गए लोगों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. अतीक की हत्या के बाद से उसके आतंक से सताए लोगों की कहानियां लगातार बाहर आ रही हैं. अतीक ने किसी का अपहरण कराया, किसी के घरवालों की हत्या कराई, किसी के बेटे को धमकी दी और किसी के परिवार को बर्बाद कर दिया. लेकिन आलम यह रहा कि चार दशक तक अतीक के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा पाया. लेकिन अब उसकी हत्या के बाद उसके आतंक से सताए लोग सामने आकर अपनी आपबीती सुना रहे हैं. इस रिपोर्ट में हम छह ऐसी कहानियां बता रहे हैं, जो अतीक के आतंक की गवाह हैं.
'जेल से दी थी बिल्डर मुस्लिम को धमकी'
अतीक अहमद जेल से ही फोन करके धमकियां देता था और फिर उसका बेटा असद ग्राउंड पर उन धमकियों के अनुसार ही एक्शन लेता था. पहले भी कई खबरों में ये बताया जा चुका है कि अतीक के गुर्गों के बीच असद की भी अच्छी-खासी 'इज्जत' थी और वे सब 20 साल के असद को छोटे सांसद कहकर बुलाते थे. असद इसी के बल पर अपना भौकाल बना कर रखता था और फिर अतीक के इशारों पर लोगों से वसूली करता था.
इस साल की शुरुआत में अतीक अहमद ने जेल से ही एक बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम को धमकी दी थी. ये धमकी पैसे देने के लिए दी गई थी. इसके बाद 9 जनवरी को अतीक के बेटे असद ने मोहम्मद मुस्लिम को फोन किया था. मुस्लिम ने फोन नहीं उठाया तो असद ने उसे धमकी भरा मैसेज भेजा. इस मैसेज से बिल्डर डर गया और फिर उसने फोन उठाया. इसके बाद असद और मोहम्मद मुस्लिम की बातचीत शुरू हुई. इस बातचीत का जो ऑडियो सामने आया है, उससे ये जाहिर हो रहा है कि ये बातचीत उमेश पाल हत्याकांड के लिए पैसे जुटाने के लिए की जा रही है.
दरअसल, इससे पहले खुलासे में सामने आया था कि, साबरमती जेल से भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके अतीक अहमद अपना सिंडिकेट चला रहा था. कुछ दिन पहले ही अतीक अहमद ने मोहम्मद मुस्लिम नाम के बिल्डर को धमकी दी थी और 5 करोड़ मांगे थे. इसके बाद बिल्डर ने अतीक के बेटे असद को 80 लाख दिए थे. बताया जा रहा है कि इन 80 लाख का इस्तेमाल उमेश पाल हत्याकांड में किया गया था.
'करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव खरीदी'
अतीक अहमद के सताए लोगों की फेहरिस्त बहुत लंबी है. इन्हीं पीड़ितों में से एक है प्रयागराज के मोहनीश परवेज और श्वेता. अतीक ने कौड़ियों के भाव इनकी जमीन खरीदी थी.
श्वेता ने बताया कि छह अक्टूबर को रणविजय सिंह और मोहम्मद आसिफ दोनों आए और मेरे मामा ससुर और पति दोनों को उठाकर ले गए. इन लोगों ने कहा कि ये अतीक के आदमी हैं. मैं उस वक्त शहर में नहीं थी तो मेरे पति को खूब डराया और कहा कि मैं रायपुर में हूं और मुझे वहीं से उठाकर मरवा देंगे. इस डर से मेरे पति इनके साथ चले गए. हमारी जमीन एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत की थी. लेकिन इसे जबरन 20 लाख में खरीद लिया.
'चुनावी पर्ची से पांच लाख तक की वसूली'
चुनाव में इस्तेमाल में होने वाली गुलाबी और सफेद पर्ची से अतीक अहमद तीन से पांच लाख रुपये तक की वसूली करवाता था.
अतीक जब चुनाव लड़ता था, उस समय गुलाबी पर्ची व्यापारियों के बीच बांटी जाती थी. ये गुलाबी पर्ची दरअससल इलेक्शन टैक्स होता था. छोटे व्यापारी तीन लाख और बड़े व्यापारी टैक्स के नाम पर पांच लाख रुपये देते थे. वसूली का यह पैसा अतीक के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था.
'जमीन के लिए एक पिता की बेटी का रेप-मर्डर'
ऐसे ही एक पीड़ित ने बताया कि अतीक अहमद की नजर हमारे मकान पर थी. वह हमारे मकान को जबरदस्ती खाली करवाने पर तुला था. मकान नहीं बेचने पर अतीक के गुंडों ने मेरी बेटी का बलात्कार किया और फिर उसे मार दिया. वे मेरी बेटी को उठाकर ले गए थे. फिर रेप और मर्डर का केस हटाने के लिए मेरा अपहरण कर लिया. इसके बाद पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी देकर जबरन सुलहनामा कराया.
रिश्तेदार की भी जमीन हड़पी
अतीक अहमद के बेटे और उसके गुंडों ने कुछ समय पहले प्रयागराज में एक जमीन कब्जाने की कोशिश की थी. जिस शख्स की जमीन पर कब्जा करने के लिए अतीक के गुंडे बुलडोजर लेकर पहुंचे थे. वह शख्स अतीक का रिश्तेदार जीशान ही था.
जीशान ने आज तक को बताया कि अतीक अहमद ने हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी. रंगदारी नहीं मिलने पर हमला भी किया.
उन्होंने कहा कि अतीक से रिश्तेदारी होने के बावजूद भी रिश्तेदारी का बहुत महत्व नहीं था. रंगदारी देनी पड़ती थी. जीशान उस वाकये को याद करते हुए बताते हैं कि उस दिन मैं घर पर था कि तीन गाड़ी से अतीक के गुर्गे अली और कालिया वगैरह आए. उन्होंने मुझसे कहा कि फोन पर अतीक हैं, उनसे बात करो. अतीक ने कहा कि या तो ये जमीन शाइस्ता के नाम कर दो या फिर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी दो. मैंने मना किया तो मुझसे मारपीट की गई. मेरा जबड़ा टूट गया था. मेरे ऊपर गोली भी चलाई गई. मैं जान बचाकर भागा. लेकिन मैंने पांच करोड़ की रंगदारी मांगने पर अतीक के बेटे अली के खिलाफ एफआईआर करा दी थी.
'पति-भाई को मार डाला, मैंने झेला है अतीक का आतंक...'
सूरजकली उर्फ जयश्री ने आजतक से बातचीत में अतीक और अशरफ के आतंक की आपबीती सुनाते हुए कहा कि 1989 में मेरे पति अचानक गायब हो गए थे. अतीक ने मेरी साढ़े 12 बीघा जमीन हड़प ली थी. फर्जी लिखा-पढ़ी के जरिए हमारी जमीन हड़पी गई थी. अतीक अहमद ने हमारी जमीन बेचकर 200 लोगों को उस पर बसा दिया. मैं अनपढ़ थी, तो अतीक की चाल समझ नहीं पाई. विरोध करने पर पता चला कि यह सब अतीक का खेल था.
जयश्री ने बताया कि मुझ पर और मेरे बेटे पर हमला किया गया. 2016 में मुझ पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं. मुझे दो गोली लगी. एक गोली गर्दन में भी लगी. अस्पताल में भी लगातार धमकियां मिलती रही.
वह बताती हैं कि अतीक कई बार विधायक और सांसद रह चुका था. उसका सिक्का चलता था. पुलिस वाले भी उसके खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नही रहते थे. जब भी मैं पुलिस के पास शिकायत लेकर जाती थी, तो मुझे सुलह करने या फिर चुप रहने को कह दिया जाता था. मुझे कहा जाता था कि ये लोग तुम्हें मार देंगे. मैं बहुत गरीब परिवार से हूं.
अतीक-अशरफ की हो चुकी है हत्या
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने ये हमला उस समय किया था, जब पुलिस दोनों को मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल लेकर आई थी.
उसी समय पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमलावरों के नाम अरुण मौर्य, सनी पुराने और लवलेश तिवारी हैं. तीनों फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं. तीनों ने पुलिस की मौजूदगी में मीडिया के सामने अतीक और अशरफ को गोली मारी थी.