
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. पुलिस घेरे में इस दोहरे हत्याकांड को अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने अंजाम दिया. तीनों पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करना शुरू की, तीनों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. खास बात ये है कि इन शूटर्स में से एक सनी डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का फैन है. वह दोनों हाथ से फायरिंग करने में भी माहिर था.
हिस्ट्रीशीटर है सनी सिंह
मोहित उर्फ सनी 23 साल का है. वह हमीरपुर के कुरारा का रहने वाला है. उसपर 15 केस दर्ज हैं. पुलिस के मुताबिक, अशरफ पर फायरिंग करने वाला सनी ही था. उसने तुर्की की बनी पिस्टल से फायरिंग की.
सनी सिंह कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है. सनी 2021 में चित्रकूट जेल में बंद था. उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते 10 साल से अपने घर नहीं आया है. सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है.
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सिर्फ 8वीं तक पढ़ा है सनी
पिंटू ने बताया, उन्हें अपने भाई के मर्डर में शामिल होने की जानकारी टीवी से मिली. उन्होंने बताया कि सनी सिर्फ 8वीं तक पढ़ा है. पिंटू चाय समोसा की दुकान चलाते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने बताया कि सनी अकसर साइबर कैफे में जाता था, वहां वह अपराधियों के प्रिंट आउट निकालता था, खासकर श्रीप्रकाश शुक्ला का, जिसका वह बहुत बड़ा फैन था. सनी क्रूड बम बनाने में भी एक्सपर्ट था. वह तीन बार बम फेंकने की घटना को भी अंजाम दे चुका है. उसपर ड्रग्स तश्करी के भी मामले दर्ज हैं. पुलिस उन जेलों में जांच पड़ताल कर रही है, जहां सनी बंद रहा था.
अरुण के खिलाफ भी कई मामले
अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था. वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है. अरुण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है. वो छह साल से बाहर रह रहा था. उसके माता-पिता की मौत करीब 15 पहले हो चुकी थी. अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है. अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं.
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पहले भी जेल जा चुका है लवलेश
इस हत्याकांड में शामिल तीसरा शूटर लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है. उसके पिता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमसे उसका कोई मतलब नहीं था. वह कभी-कभी ही घर आता-जाता था. 5-6 दिन पहले ही बांदा आया था. लवलेश इससे पहले एक मामले में जेल भी जा चुका है. लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं. इनमें पहले मामले में उसे एक महीने की सजा हुई थी. दूसरा मामला लड़की को थप्पड़ मारने का था, उसमें डेढ़ साल की जेल हुई थी. तीसरा मामला शराब से जुड़ा हुआ था, इसके अलावा एक और मामला है.