
बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. अतुल सुभाष ने अपनी जान देने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और 80 मिनट का वीडियो बनाकर पत्नी समेत ससुरावालों पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था. अतुल ने मरने से पहले अपने रूम में 'जस्टिस इज ड्यू' यानी की न्याय अभी बाकी है का पोस्टर लगाकर अपनी जिंदगी समाप्त कर ली.
अतुल सुभाष बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे जहां अब उनके पिता अपने बेटे का वहीं पोस्टर 'जस्टिस इज ड्यू' सीने पर लगाकर न्याय की मांग लिए घर के आगे बैठे हुए हैं. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो तब तक इसी तरह बैठे रहेंगे जब तक उनके बेटे को अपनी जान लेने के लिए मजबूर करने वाले उसके ससुराल के लोगों पर कानूनी कार्रवाई नहीं होती है.
फफक-फफक कर रोने लगे अतुल के पिता
अतुल के पिता पवन मोदी इसी दौरान एक इंटरव्यू देते हुए फफक-फफक कर रोने लगे और अपनी बहू यानी की अतुल सुभाष की पत्नी निकिता संघानिया को लेकर कई खुलासे किए. अतुल के पिता ने कहा कि जो बहू शादी के बाद सिर्फ एक दिन ससुराल में रही वो हम पर और बेटे पर दहेज प्रताड़ना का आरोप कैसे लगा सकती है.
उन्होंने कहा, एक केस खत्म होता था तो दूसरा केस, दूसरा केस खत्म होता था तो तीसरा केस, कुल 11 केस लगाई हुई थी. उन्होंने कहा कि पहले बेटा भरण पोषण के लिए 20 हजार दे रहा था ,फिर 40 हजार रुपये देने लगा लेकिन उसके सभी केस को खत्म करने के लिए बहू और उसके परिवार के लोग 5 करोड़ रुपये मांग रहे थे.
पेशकार मांगता था पैसे
उन्होंने कहा कि जब इस देश में न्यायपालिका में ऐसा भ्रष्टाचार रहेगा तो देश में क्या बचेगा फिर ? उन्होंने कहा कि उनका बेटा देहज उत्पीड़न के इस केस में 40 बार जौनपुर जा चुका था और वहां पहुंचने पर सुनवाई नहीं होती थी. पेशकार उससे कहा था कि 500 रुपये दोगे तो 10 दिन के बाद की पेशी की तारीख दिला दूंगा और अगर पैसे नहीं दोगे तो 4 दिन बाद की तारीफ दिलवा दूंगा.
वकील को बताया झूठा
उन्होंने आरोप लगाया कि फैमिली कोर्ट में पेशकार माधव लोगों से 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक रिश्वत लेता था लेकिन मेरे बेटे ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया. उन्होंने इंटरव्यू में ये भी साफ किया कि जो वकील खुद को अतुल सुभाष का वकील बताकर मीडिया को झूठा बयान दे रहे हैं कि 'ऐसी कोई बात नहीं है' वो कभी मेरे बेटे के वकील नहीं थे.
उन्होंने कहा कि उनके जूनियर भी हमारे वकील नहीं थे. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि बच्चे के पालन पोषण के लिए बेटा 40 हजार रुपये दे रहा था लेकिन क्या जौनपुर में एक बच्चे की पढ़ाई में हर महीने 40 हजार रुपये खर्च हो सकता है ? अतुल सुभाष के पिता ने लोगों से अपील की है कि वो उनके बेटे और उनके परिवार को न्याय दिलाने में मदद करें.
जांच करने यूपी पहुंची है बेंगलुरु पुलिस
बता दें कि अतुल सुभाष के सुसाइड मामले में पुलिस की जांच-पड़ताल जारी है. जौनपुर पहुंची बेंगलुरु पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की तरफ से दर्ज कराए गए सभी केस की स्टेटस रिपोर्ट ली है.
बता दें कि सीजेएम कोर्ट में बेंगलुरु पुलिस की टीम उन सभी केसेज की स्टेटस रिपोर्ट ले रही है, जो निकिता ने पति अतुल सुभाष और उनके परिवार पर दहेज प्रथा अधिनियम, भरण पोषण अधिनियम या अन्य धाराओं में दर्ज करवाए थे. इन केसों की सुनवाई में पेशी के लिए अतुल को बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ता था.