
लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) को न्यू यॉर्क के बफ़ेलो के पास चौटाउक्वा में दिए जाने वाले एक लेक्चर से पहले मंच पर चाकू घोंपकर घायल कर दिया गया. बता दें कि किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' लिखने के लिए सलमान रुश्दी को ईरान द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी जा चुकी है. ऐसे में धमकी मिलने के 33 साल बाद शुक्रवार को रुश्दी को न्यूयॉर्क में एक मंच पर चाकू घोंपा गया.
शुक्रवार की सुबह लेक्चर देने से पहले CHQ 2022 कार्यक्रम के लिए मंच पर जाते समय लेखक पर जानलेवा हमला किया गया था. न्यूयॉर्क पुलिस ने बताया कि एक संदिग्ध ने, लेखक के लेक्चर से पहले मंच पर पहुंचकर उनका पर जानलेवा हमला किया. हमलावर ने रुश्दी की गर्दन पर चाकू से वार किया. पुलिस ने बताया कि रुश्दी को तत्काल ही हेलीकॉप्टर के जरिये हॉस्पिटल पहुंचाया गया है.
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सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' (The Satanic Verses) ईरान में 1988 से बैन है, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं.
इसके ठीक एक साल बाद, ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा, या फतवा जारी किया, जिसमें रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था. यही नहीं फतवा में रुश्दी को मारने वाले को 3 मिलियन डॉलर से अधिक का इनाम देने की बात भी कही गई थी.
ईरान की सरकार ने लंबे समय से खुमैनी के फरमान से खुद को दूर कर लिया, लेकिन रुश्दी विरोधी भावना बनी रही. साल 2012 में, एक अर्ध-आधिकारिक ईरानी धार्मिक फाउंडेशन ने रुश्दी के लिए इनाम को 2.8 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 3.3 मिलियन डॉलर कर दिया.
वहीं रुश्दी ने उस समय उस धमकी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इस तरह के इनाम में लोगों की दिलचस्पी का 'कोई सबूत नहीं' था. जिसके बाद, रुश्दी ने फतवे के बारे में एक संस्मरण, 'जोसेफ एंटोन' भी प्रकाशित किया.