
केरल में एवियन इंफ्लुएंजा का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है जिसका प्रकोप जंगली पक्षियों में सबसे ज्यादा देखा जाता है. पक्षियों के संपर्क में आने वाले इंसानों में भी इसका संक्रमण फैल सकता है. अब स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय केरल में सात सदस्दीय एक टीम भेजने जा रहा है. ये टीम एवियन इंफ्लुएंजा के बढ़ते मामलों की जांच करेगी और केरल सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी समीक्षा करेगी.
जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई इस टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्यूबरक्लोसिस, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के एक्सपर्ट शामिल होने वाले हैं. इस टीम की अध्यक्षता डॉक्टर राजेश केदवानी करने जा रहे हैं. जांच कमेटी का इस बात पर जोर रहेगा कि राज्य सरकार द्वारा अभी तक इस संक्रमण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए, किस तरह की गाइडलाइन जारी की गईं.
ये फ्लू दूषित वातावरण के सीधे संपर्क में आने की वजह से हो सकता है. अगर किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आया गया तो भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. अभी तक एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और यूरोप की कुछ जगहों पर इस संक्रमण के ज्यादा मामले देखने को मिले हैं. जानकार मानते हैं कि जिन बाजारों में अंडे और मुर्गे बेचे जाते हैं, वहां से भी इस एवियन इंफ्लुएंजा के फैलने का खतरा रहता है. अभी के लिए केरल में जमीनी स्थिति समझने के लिए केंद्र सरकार ने एक सात सदस्यीय टीम भेज दी है.