
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री से जुड़े सबसे भावुक पल की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने श्री राम के चरणामृत से अपना उपवास तोड़ा यह भावुक कर देने वाला पल था. श्री राम जन्मभूमि मंदिर में भक्त सीधे प्रसाद नहीं चढ़ा सकेंगे. उन्हें कुछ भी चढ़ाने के लिए ट्रस्ट कार्यालय में जमा करना होगा.
ऋतुओं के अनुसार बदलते रहेंगे रामलला के वस्त्र
बता दें कि रामलला के वस्त्र ऋतुओं के अनुसार बदलते रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह राजकुमार का मंदिर है और राजकुमार के लाड तो राजा से भी अधिक किए जाते हैं. विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों के लिए दर्शन की अलग व्यवस्था होगी, लेकिन इसके लिए कोई शुल्क नहीं होगा. उन्होंने बताया कि अब तक 1100 करोड़ रुपये श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण में खर्च हो चुके हैं और 1400 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. श्री राम मंदिर परकोटे के भीतर 6 मंदिर और बाहर 7 मंदिर बनाए जाएंगे. गोविंद देवगिरी ने कहा कि जो उत्सुकता इस समय थी वह उत्सुकता अब नहीं रहेगी, क्योंकि यह तो बहुत बड़ी हमारी आकांक्षा की पूर्ति का क्षण था, उत्सुकता नहीं रहेगी, लेकिन 2025 में फिर भी उत्सव तो होगा लोग तो आएंगे.
उन्होंने बताया कि 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा अभी भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास है. जो दो मूर्तियां और बची हैं उसमें से एक मूर्ति मंदिर में रखी जाएगी और प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति के वस्त्र का नाम उसे मूर्ति के जरिए लिया जाएगा .
गोविंद देवगिरी ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भावुक कर देने वाला पल था. पीएम मोदी का 11 दिनों का उपवास था और उनका उपवास पूर्ण करना हमारा कर्तव्य था. उसके लिए हमने यह सोचा था कि गुनगुने जल में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो बूंद नींबू का रस डाल कर पीएम उपवास तोड़ देंगे. लेकिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद पीएम जब वह गर्भगृह से बाहर निकले तो मुझे थोड़ा अलग ले जाकर उन्होंने धीरे से कहा, मुझे कुछ मत पिलाना मुझे श्री राम का चरणामृत पिलाना. मैं चरणामृत लेकर ही उपवास पूर्ण करना चाहता हूं.
पीएम मोदी की तारीफ
यह अपने आप में अनोखी बात थी. एक प्रधानमंत्री चरणामृत मांगते हैं. वास्तव में आप लोगों को पता होगा कि इतने बड़े वीआईपी के खान-पान का एसपीजी के द्वारा बड़ा ध्यान रखा जाता है. उन्हें क्या खाना पीना चाहिए, उनके हाथ में क्या देना चाहिए, उनके पास क्या कुछ लाना है. इन सब बातों को बड़ी सावधानी के साथ पहले जांचा जाता है और ऐसी अवस्था में जो हमने तैयार किया था और जांच लिया गया था उसको दूर रखकर उन्होंने एकदम सीधे भगवान का चरणामृत मंगवाया यह उनके भक्ति भाव का परिचायक है.
सवाल- प्राण प्रतिष्ठा हो गई है तो प्रसाद का क्या होगा
जवाब-उन्होंने बताया अलग-अलग प्रकार के कितने प्रसाद यहां पर आ रहे हैं. एक लाख से अधिक लड्डू तो तिरुपति से आए हैं. भिन्न-भिन्न स्थानों से भिन्न-भिन्न मिठाइयां आई है और इन सब मिठाईयां का भोग नैवेद्य होता है और प्रसाद लोगों में वितरित होता है.
सवाल- इसके बाद प्रसाद में क्या चढ़ेगा, क्या बंटेगा
जवाब- गोविंद देवगिरी ने बताया कि अब ऋतु के अनुसार भगवान का पोशाक होगा और भगवान का प्रसाद भी होगा. वह भिन्न-भिन्न त्योहारों के अनुसार भिन्न प्रकार के नैवेद्य होंगे और अन्नकूट आदि भी चलता रहेगा. आप जिन-जिन पदार्थों को अच्छा मानते हैं ऐसे 56 भोगों को उनको दिया जाएगा. यह राजकुमार का मंदिर है और राजकुमार के लाड तो राजा से भी अधिक किए जाते हैं.
सवाल- श्रद्धालुओं को क्या प्रसाद दिए जाएंगे और क्या वह चढ़ा पाएंगे
जबाब - अभी जो हमने सोचा है श्रद्धालुओं को वहां प्रसाद चढ़ाने की अनुमति नहीं है, जो भी प्रसाद होगा वह कार्यालय में जमा करना पड़ेगा. कार्यालय में उसकी जांच होकर फिर वह भगवान को चढ़ाया जाएगा. श्रद्धालु सीधे वहां पर कुछ भी नहीं चढ़ा पाएंगे, लेकिन सबको लड्डू का प्रसाद वहां पर मिलता रहेगा.
सवाल- लोग दर्शन करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं, क्या ऑफलाइन भी ऐसा कोई रजिस्ट्रेशन होगा
जवाब- उन्होंने बताया कि हमने दो बात सोच करके रखी है. ऑनलाइन दर्शन करने की भी सुविधा रहेगी और ऑफलाइन तो रहना ही है. सभी लोग ऑनलाइन की बात समझते नहीं है, वह समझ करके इन बातों को करें ऐसी हमारी अपेक्षा भी नहीं है. लोग जिस प्रकार भक्ति भाव से आते रहे हैं इस प्रकार वह आते जाएंगे उनका दर्शन प्राप्त होता जाएगा.
सवाल- वीआईपी दर्शन की भी कोई व्यवस्था होगी
जवाब- वीआईपी लोगों की व्यवस्था तो करनी पड़ती है, लेकिन हम पैसे के आधार पर नहीं करेंगे. हम इसके बारे में सोच रहे हैं कि हमें किस प्रकार की नीति अपनानी चाहिए. नीति हम कैसी भी अपनाएंगे, तब भी हमें कुछ विशिष्ट लोगों को दर्शन करने की सुविधा प्रदान करनी पड़ेगी. देश के बड़े-बड़े आचार्य आएंगे. देश के बड़े-बड़े राजनीतिक नेता भी आएंगे. देश के बड़े-बड़े समाज सेवक भी आएंगे उनके लिए व्यवस्था करनी पड़ेगी
उन्होंने कहा कि ऊपर के तल में पूरा राम परिवार रहेगा और जो 6 अन्य मंदिर बनेंगे उसमें गणपति के मंदिर, शिव के मंदिर, देवी का मंदिर और सूर्य भगवान का मंदिर रहेगा. हनुमान जी का एक मंदिर होगा और अन्नपूर्णा जी का एक मंदिर होगा. ऐसे अनेक मंदिरों का निर्माण होगा.
सवाल - जो मूर्तियां बची हैं उनका क्या होगा
जवाब- हमने उनके बारे में कुछ सोचा नहीं है. उन्हें अभी हम लोगों ने श्रद्धा के साथ संभाल कर रखा है. उसमें से एक प्रतिमा निश्चित रूप से यहीं पर रखी जाएगी. क्योंकि भगवान के जो अलंकार बने हैं जो वस्त्र बने हैं उनके माप के लिए एक प्रतिमा की आवश्यकता रहेगी.