
कोरोना के संकट काल में भी उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम चल तेज़ी से चल रहा है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने सोमवार को मंदिर निर्माण से जुड़ी हुई जानकारी दी. अभी राम मंदिर की नींव भराई का काम चल रहा है, जिसके लिए अलग तकनीक लगाई जा रही है.
चंपत राय का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है. चंपत राय के अनुसार आईआईटी गुवाहाटी के डायरेक्टर और अनेक संस्थानों के इंजीनियरों की सलाह के साथ-साथ नेशनल जियो रिसर्च इंस्टीट्यूट हैदराबाद की सलाह से विशेषज्ञों के परामर्श के आधार पर काम किया जा रहा है.
ऐसे तैयार की जा रही है नींव
महामंत्री चंपत राय ने बताया कि इन संस्थानों के शोध के आधार पर यह ज्ञात हुआ कि धरती के नीचे बहुत बड़ी मात्रा में मलबा है और उनकी सलाह पर इसे हटाया गया. राम मंदिर के नींव को भरने का कार्य पत्थर की गिट्टी, पत्थरों के पाउडर और कोयले की राख से किया गया, जिसे एनटीपीसी ने तैयार किया.
जानकारी दी गई है कि मंदिर निर्माण के लिए 400 फीट लंबा, 300 फीट गहरा क्षेत्र मंदिर परिसर के चारों ओर चिन्हित किया गया, वहां से मलबा हटाया गया और 45 फीट नीचे जाने के बाद शुद्ध बालू प्राप्त हुई.
लोगों के दो शिफ्टों में काम करने की सुविधा
बता दें कि मंदिर निर्माण की यह प्रक्रिया मार्च से प्रारंभ हुई है. जिस तकनीक से नींव भरने का काम चल रही है, वहां खाली जगह को भरने के कार्य में 12 इंच की एक परत बिछाई जाती है और फिर रोलर के माध्यम से इसे दबाकर 2 इंच कम किया जाता है. 12 इंच की परत 10 इंच की हो जाती है, तब उसके ऊपर दूसरी परत बिछाई जाती है.
चंपत राय के मुताबिक, मार्च के दूसरे सप्ताह से प्रारंभ हुए कार्य में अब तक 4 लेयर बिछाई जा चुकी हैं. बीच में बारिश के कारण बाधा आ रही है, लेकिन कार्य को रोका नहीं जा रहा है. कार्य प्रगति पर है और 24 घंटे काम चल रहा है. दो शिफ्ट में लोगों के कार्य करने की व्यवस्था है, ताकि जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण हो सके.
गौरतलब है कि अगस्त 2020 में राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ था, उसके बाद कोरोना काल के बीच ही मंदिर का निर्माण शुरू हुआ. उम्मीद जताई जा रही है कि साल 2024 तक अयोध्या में भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.