
अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इसको लेकर रामनगरी में तैयारियां चल रही हैं. मंदिर परिसर में चारों वेदों की सभी शाखाओं का पारायण और यज्ञ लगातार चल रहा है. यह अनुष्ठान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तक लगातार चलता रहेगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो चुका है और फर्स्ट फ्लोर पर निर्माण कार्य चल रहा है.
चंपत राय ने बताया, "70 एकड़ के नॉर्थर्न पार्ट में मंदिर बन रहा है. यह बहुत ही दक्षिण हिस्से से काफी संकरा है. सवाल होगा कि इसके बाद भी मंदिर इतने संकरे में क्यों बन रहा है, तो बता दूं कि 70 साल से जो मामला कोर्ट में है, वो इसी जमीन को लेकर था. इसीलिए इस जगह पर तीन मंजिला मंदिर बन रहा है. इसका ग्राउंड फ्लोर तैयार हो चुका है और फर्स्ट फ्लोर पर निर्माणकार्य चल रहा है. इसके अलावा मंदिर की जो मैन बाउंड्री होगी, उसका भी निर्माण किया जा रहा है."
बीते साल मई महीने से शुरू हुआ निर्माण
चंपत राय ने बताया, "मई, 2022 से इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ. राजस्थान के बंसी पहाड़पुर का गुलाबी सैंडस्टोन है. फ्लोर का मकराना मार्बल है और गर्भगृह में श्वेत मार्बल है. मंदिर के नीचे खोखला नहीं है. मंदिर और परकोटा दोनों की आयु एक हजार साल है. इसके निर्माण में 22 लाख क्यूबिक पत्थर का प्रयोग होगा."
अगले 7-8 महीनों में बनेंगे 7 मंदिर
उन्होंने बताया कि अगले 7-8 महीनों में सात मंदिर और बनेंगे, जिनमें महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, शबरी और अहिल्या का मंदिर का शामिल है. इसके अलावा परिसर में जटायु स्थापित कर दिए गए हैं.
चंपत राय ने कहा, इस मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों के लिए कई तरह की व्यवस्था की गई हैं. इसमें एक साथ 25 हजार तीर्थयात्रियों का सामान रखने के लिए लॉकर, पानी, शौचालय, अस्पताल सबकी व्यवस्था है. नगर निगम पर दबाव नहीं बढ़े, इसके लिए दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांटर हैं. जीरो डिस्चार्ज की व्यवस्था है. बिजली की भी आत्मनिर्भरता है. 70 में से 20 एकड़ में निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि बचे हुए हिस्से में हरियाली है.
रामलला की मूर्ति को लेकर चंपत राय ने बताया, 5 वर्ष के बालक की ड्राइंग तैयार की गई है. ललाट तक ऊंचाई 51 इंच होनी है. देवत्व और बाल सुलभता जिस प्रतिमा में होगी, उसे चुना जाएगा. कर्नाटक के पत्थर से दो मंदिर बन रहे हैं. एक मकराना से बन रहा है.
उन्होंने बताया कि दक्षिणी भुजा पर हनुमान जी होंगे, जबकि पूर्वी दिशा में प्रवेश द्वार होगा, जिसमें दिव्यांग जनों के लिए खास व्यवस्था होगी.