
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इसको लेकर राम नगरी में तैयारियां चल रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य आयोजक होंगे. वहीं राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेताओं को इस कार्यक्रम के लिए न्योता दिया गया है. कांग्रेस नेताओं को मिले न्योते पर INDIA गठबंधन में शामिल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
मुस्लिम लीग के महासचिव पीएमए सलाम ने कहा है कि कांग्रेस के पास इस बारे में सोचने और इस पर प्रतिक्रिया देने की क्षमता है. उन्होंने ये भी कहा, IUML का कड़ा रुख है कि धर्मनिरपेक्ष दलों को बीजेपी के इस या किसी भी एजेंडे में नहीं फंसना चाहिए.
IUML केरल में कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी पार्टी है. उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों पर INDIA गठबंधन का रुख स्पष्ट होगा और वे इस बारे में बैठकर चर्चा करेंगे. हम सभी सहयोगी हैं. उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस के साथ मंदिर या मस्जिद निर्माण के लिए सहयोग नहीं कर रहे हैं. यह राजनीति पर आधारित है."
मुस्लिम लीग के नेता ने कहा, "यह जगजाहिर है कि चुनाव से पहले सांप्रदायिक दंगे कराते थे. अब भी उनका रुख सांप्रदायिक भावनाओं का दोहन करने का ही है. हमारा स्पष्ट रुख है कि धर्मनिरपेक्ष दलों को बीजेपी के किसी भी एजेंडे में नहीं आना चाहिए."
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किन-किन नेताओं को मिला है न्योता
राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी को न्योता मिला है. अब तक कांग्रेस की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है कि पार्टी के नेता अयोध्या में होने वाले समारोह में शामिल होंगे या नहीं. इसके अलावा बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पूर्व सीएम लालू यादव को भी बुलाया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी निमंत्रण मिला है. ट्रस्ट की ओर से लेफ्ट पार्टी के नेताओं को बुलाया गया है. इसको लेकर सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने स्पष्ट कर दिया है कि वो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को अबतक निमंत्रण नहीं मिला है. पार्टी नेता डिंपल यादव ने कहा है कि अगर उन्हें न्योता मिलेगा, तो वो अयोध्या जरूर जाएंगे. अगर न्योता नहीं मिलेगा तो वो भगवान के दर्शन करने के लिए बाद में जाएंगे.