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प्राइवेट अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जोड़ने के लिए क्या है सरकार का प्लान? अनुप्रिया पटेल ने संसद में बताया

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास गिनाए और कहा कि हमारी निरंतर कोशिश रहती है कि इम्पैनल्ड अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाते रहें. इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, राज्य सरकारों और राज्यों की हेल्थ अथॉरिटी से बातचीत करती रहती है.

अनुप्रिया पटेल अनुप्रिया पटेल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान शुक्रवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने आयुष्मान योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई प्राइवेट सेक्टर्स के हॉस्पिटल इस योजना के तहत नहीं आना चाहते. ऐसे अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत लाने के लिए सरकार क्या कर रही है?

इस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास गिनाए और कहा कि हमारी निरंतर कोशिश रहती है कि इम्पैनल्ड अस्पतालों का नेटवर्क बढ़ाते रहें. इसके लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, राज्य सरकारों और राज्यों की हेल्थ अथॉरिटी से बातचीत करती रहती है.

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उन्होंने कहा कि हम प्राइवेट अस्पतालों की एसोसिएशन के साथ भी निरंतर संपर्क करते रहे हैं. हमारी कोशिश रहती है कि अगर वे इस योजना को लेकर जागरूक नहीं हैं तो उनको हम वर्कशॉप के जरिये जागरूक करते हैं. अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अगर उनके सवाल या शंकाएं होती हैं तो हम उनका निवारण भी करते हैं. जो हमने पैकेजेज बनाए हैं, उनको भी रिवाइज किया है. अब ये 49 पॉइंट तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि हमने राज्यों को भी ये फ्लेक्सिबिलिटी दी है कि आप चाहें तो इसमें अपने हिसाब से कस्टमाइजेशन भी कर सकते हैं.

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हम अपनी क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया भी प्राइवेट अस्पतालों को विस्तार से समझाते हैं. हम उनको जागरूक करते हैं, ट्रेन करते हैं और ज्यादा से ज्यादा को जोड़ते भी हैं. उन्होंने सदन में ये जानकारी दी कि इसमें बहुत बड़ी प्रोग्रेस हुई है. 2018 में जब हमने ये योजना शुरू की थी, तब इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या लगभग आठ हजार थी. आज ये बढ़कर 29281 हो चुकी है. अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आयुष्मान कार्ड और तेजी से बने, इसके लिए आयुष्मान आपके द्वार कार्यक्रम के तहत आशा, एएनएम को घर-घर भेजा जा रहा है. हमने आयुष्मान के नियमों का सरलीकरण भी किया है. छह एजेंसियों को भी जिम्मेदारी दी गई है जिससे ये कार्ड और तेजी से बने.

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उन्होंने क्लेम सेटलमेंट को लेकर कहा कि कई राज्य जो अपने यहां अलग हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम चला रहे हैं, वह अपनी योजनाओं के लाभार्थियों को भी इसमें ऐड कर देते हैं. अनुप्रिया पटेल ने कहा कि सेट डेटा के अनुरूप लाभार्थियों के क्लेम में हम राज्य के 60 और 40 के अनुपात में शेयरिंग करते हैं. उनके क्लेम सेटलमेंट में हमारी तरफ से कोई देरी नहीं होती है. लेकिन एडिशनल लाभार्थियों को लेकर कभी कभी समस्या जरूर आती है, जिनका खर्च राज्य को उठाना होता है. ऐसी स्थिति जब भी आती है, हम राज्य से बात करते हैं और इसका समाधान करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए हमने ग्रीन चैनल इनिशिएटिव शुरू किया है. जिन हॉस्पिटल्स का क्लीन रिकॉर्ड है, उनके लिए हम 50 फीसदी अपफ्रंट पेमेंट करते हैं. 

आयुष्मान योजना में कितना सेफ है मरीजों का डेटा

टीडीपी सांसद प्रभाकर रेड्डी ने आयुष्मान भारत के कवरेज को बढ़ाने को लेकर सवाल किया. इस पर जेपी नड्डा ने कहा कि ये सवाल आभा आईडी को लेकर है. आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत सारे पेशेंट और हेल्थ रिकॉर्ड एक मंच पर आ सकें और उनको हम टेकल कर सकें. टीडीपी सांसद ने इसके तहत एकत्रित डेटा के प्रोटेक्शन को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ये डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का पालन करता है. पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड को लेकर किसी तरह का खतरा नहीं है. 

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