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जस्टिस कृष्णा अय्यर को लेकर CJI के बयान पर जस्टिस बीवी नागरत्ना और सुधांशु धूलिया ने जताई आपत्ति

जस्टिस कृष्णा अय्यर पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कड़ी आपत्ति जताई है. दोनों जजों ने कहा कि सीजेआई की टिप्पणी अनावश्यक और अवांछनीय थी.

सुप्रीम कोर्ट. सुप्रीम कोर्ट.
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निजी संपत्ति से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया था. कोर्ट ने साफ किया है कि प्रत्येक निजी संपत्ति पर सरकार का अधिकार नहीं है और वो आम भलाई के नाम पर निजी संपत्तियों को अपने कब्जे में नहीं ले सकती है. SC ने अपने 46 साल पुराने फैसले को पलट दिया है. लेकिन इस आदेश के दौरान जस्टिस कृष्णा अय्यर पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कड़ी आपत्ति जताई है. दोनों जजों ने कहा कि सीजेआई की टिप्पणी अनावश्यक और अवांछनीय थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित अंतिम फैसले में यह विवादास्पद हिस्सा शामिल नहीं किया गया है.

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बता दें कि जस्टिस नागरत्ना 2027 में भारत की चीफ जस्टिस बनने वाली हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सहमति जताई. लेकिन उन्होंने न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर पर की गई टिप्पणी को अनावश्यक और न्यायसंगत नहीं मानते हुए आपत्ति जताई.  

सीजेआई की टिप्पणी क्या थी?

जस्टिस नागरत्ना ने सीजीआई की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था, 'हमारा काम आर्थिक नीति निर्धारित करना नहीं है, बल्कि संविधान के निर्माताओं की इच्छा को लागू कर आर्थिक लोकतंत्र की नींव रखनी है. कृष्णा अय्यर का सिद्धांत संविधान की लचीली और व्यापक भावना के विपरीत है.'  

यह भी पढ़ें: 'प्रत्येक प्राइवेट प्रॉपटी पर सरकार का हक नहीं...', सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति पर सुनाया बड़ा फैसला

जस्टिस नागरत्ना ने सीजेआई चंद्रचूड़ के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर और चिन्नप्पा रेड्डी एक विशेष आर्थिक विचारधारा से प्रभावित थे. उन्होंने कहा कि दोनों न्यायाधीशों ने हमेशा संविधान निर्माताओं के दृष्टिकोण को अपने विचारों के आधार के रूप में लिया और अपने फैसलों में उसका पालन किया. 

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जस्टिस सुधांशु धूलिया ने क्या कहा

जस्टिस सुधांशु धूलिया ने भी न्यायमूर्ति कृष्णा अय्यर और चिन्नप्पा रेड्डी के दृष्टिकोण को समर्थन दिया और सीजेआई चंद्रचूड़ की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, 'इस आलोचना को छोड़ दिया जाता तो अच्छा होता. कृष्णा अय्यर और चिन्नप्पा रेड्डी का सिद्धांत हमेशा हमारे न्यायिक रास्ते को रोशन करता रहेगा और उनके द्वारा दिए गए निर्णयों में केवल न्याय का सिद्धांत नहीं, बल्कि लोगों के प्रति एक गहरी सहानुभूति भी रही है.'

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