
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की हुई वर्चुअल बैठक में ये फैसला किया गया. यह बैठक पिछले दो दिनों से चल रही थी.
दरअसल, बाबरी विध्वंस मामले पर अदालत के फैसले के बाद भी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने हैरानी जताई थी. जिसके बाद अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है.
बता दें कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने के मामले को लेकर लखनऊ की सीबीआई अदालत ने सितंबर में फैसला सुनाया था. इस मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था. 28 साल बाद इस केस में सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं. लिहाजा, सभी 32 आरोपियों को बरी किया जाता है.
'नाइंसाफी की मिसाल'
इस फैसले के आने के तुरंत बाद भी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस पर हैरानी जताते हुए इसे नाइंसाफी करार दिया था. एआईएमपीएलबी के सचिव मौलाना वली रहमानी ने पत्र जारी करते हुए कहा था कि सीआईबी अदालत का फैसला नाइंसाफी की एक मिसाल है. रहमानी ने दावा किया था कि यह फैसला न्याय से कोसों दूर है. उन्होंने कहा था कि आरोपियों को बरी करने का जो भी कारण हो, लेकिन हम सबने विध्वंस के वीडियो और तस्वीरें देखी हैं.