
Bageshwar Dham Dhirendra Shastri: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीते दिनों से इंटरनेट से लेकर टेलीविजन जगत की सुर्खियों में बने हुए हैं. 26 साल के शास्त्री बिना कोई सवाल पूछे ही लोगों की परेशानियां जान लेने और उनकी समस्याओं का निदान भी बता देने का दावा करते हैं. अपने 'दिव्य दरबार' में आने वाले लोगों को ठीक करने की बात कहने वाले बागेश्वर के संत क्या देश के लिए भी ऐसा कुछ कर सकते हैं? Aajtak के खास इंटरव्यू में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ऐसे ही सवालों का बखूबी जवाब दिया...
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जब पूछा गया कि आपने बहुत सारे लोगों की मदद की होगी. उनका उद्धार किया होगा, लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आपने ऐसा कोई काम किया, जिससे देश का भला हो गया हो? यानी आपने पहले से बता दिया हो कि कोविड महामारी आने वाली है? या कोई आंतकवादी हमला होने वाला है? जब आप एक व्यक्ति को ठीक करने की बात कहते हो तो क्या देश के लिए भी आप ऐसा कुछ कर सकते हैं?
इस सवाल के जवाब में धीरेंद्र शास्त्री बोले, '' मैं कोई भविष्यवक्ता नहीं हूं और न ही कोई ज्योतिषाचार्य हूं. मगर जब कोई दरबार में अर्जी लेकर आता है तो वे अपने अंदर की प्रेरणा और अनुभूति के आधार पर उसकी समस्या और समाधान के बारे में बता देते हैं. मिसाल के तौर पर जब किसी राजनेता उनसे मिलने आता है तो पूछते हैं कि प्रदेश का हाल क्या होगा? तो हम बता देते हैं कि फलां संयोग बन रहे हैं. मगर जब कोई अर्जी ही न लगाए तो कैसे समस्याओं और समाधान के बारे में बता पाना संभव नहीं है.
शास्त्री आगे कहते हैं, जब कोई अर्जी ही न लगाए और मैं खुद से देश-दुनिया की निकटासन्न समस्याओं को बताऊंगा तो कौन मेरा सुझाया गया सुझाव मानेगा? कौन नियमों को मानेगा और कौन उनका पालन करेगा? आखिर किसको मैं समाधान बताऊंगा? वैसे भी विश्व कल्याण की मंगलकामनाएं हम प्रतिदिन करते हैं.
फिर 'पठान' के लिए कसने अर्जी लगाई?
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि शाहरुख खान की आगामी फिल्म 'पठान' का बहिष्कार करने के लिए आपके दरबार में किसने अर्जी लगाई थी? इसके जवाब में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले कि इसके लिए कोई अर्जी नहीं लगी थी. किसी ने उनको बता दिया था कि 'पठान' फिल्म में भगवा को 'बेशर्म रंग' बताया गया है, इसलिए विरोध की बात कह दी.
क्या है विवाद?
बता दें कि महाराष्ट्र के नागपुर में पिछले दिनों बागेश्वर धाम सरकार के नाम से विख्यात धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' का वाचन किया था. वहीं की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने कथावाचक शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था. समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में जादू-टोना को बढ़ावा दिया जा रहा है.
अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चैलेंज दिया गया था कि आप हम लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाएं और सत्य बता देने पर आपको 30 लाख रुपए भेंट स्वरूप राशि दी जाएगी. मगर दावा किया गया है कि अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति की वजह से दो दिन पहले ही यानी 11 जनवरी को ही धीरेंद्र शास्त्री ने कथा समाप्त की दी. ऐसा इसलिए क्योंकि समिति ने महाराष्ट्र के अंधश्रद्धा विरोधी कानून के तहत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत दी थी.
उधर, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी सफाई में कहा कि उनके गुरुजी के आगामी जन्मोत्सव के चलते वह अपनी प्रस्तावित तीन कथाओं में से 2-2 दिन कम कर रहे हैं. नागपुर के बाद टीकमगढ़ और रायपुर में प्रस्तावित कथाओं का भी 2-2 दिन का समय घटा दिया गया है. इससे पहले रामकथा के लिए 9 दिन का समय रखा जाता था. बता दें कि इन दिनों शास्त्री की कथा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित हो रही है.