
आंदोलन से पीछ हटने वाले भारतीय किसान यूनियन (भानु) के बदले सुर बदल गए हैं. अब इस किसान संगठन ने सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि छल हुआ है. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने कहा कि पंजाब के किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं दिया जा रहा है.
भानु प्रताप ने कहा, '40 साल से पीएम लोगों से मिल रहे हैं. कोई प्रधानमंत्री नहीं रोकता था लेकिन न जाने क्यों ये प्रधानमंत्री किसानों को दिल्ली में घुसने ही नहीं दे रहे हैं.' उन्होंने कहा कि जैसी ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई हमारे साथ छल होने लगा.
भानु प्रताप ने कहा, 'चलो राजनाथ सिंह बुला रहे हैं. हम सीधे-साधे आदमी, हमसे पत्रकार ने पूछा क्या हुआ. हमने बताया हमारा बहुत सम्मान हुआ, नाश्ता कराया, जलेबी खिलाई. इस जमाने में राम, कृष्ण या विष्णु तो नहीं आ सकते. इस सरकार में अगर कोई गड़बड़ करेगा, उसके लिए सर्वोच्च अदालत है.'
भानु प्रताप ने कहा कि यह आंदोलन देश के सभी किसानों का है, किसी एक संगठन का नहीं है, सभी संगठन काले कानून के खिलाफ हैं और हमारे संगठन में कोई भी आपस में फूट नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारी भारतीय किसान यूनियन (भानु) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर अपने साथियों के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. जब तक किसानों के लिए बने हुए यह काले कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक हमारा अनशन जारी रहेगा.
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भानु) वही संगठन है जिसने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने के बाद चिल्ला बॉर्डर पर आंदोलन खत्म करने की बात कही थी.
बहरहाल, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. इस पर 18 दिसंबर को सुनवाई होने वाली है. याचिका लगाने वाले वकील एपी सिंह ने कहा कि पहले डेट ऑनलाइन 17 दिसंबर दिख रही थी लेकिन अब 18 दिसंबर दिख रही है.
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वकील एपी सिंह ने कहा कि सर्वोच्च अदालत को कृषकों के तीनों कानून के बदलाव की याचिका को जल्द सुनवाई करके निपटारा करना चाहिए. देश का अन्नदाता ही जब अपनी मांगों के लिए सरकार के आगे अपने ही देश की राजधानी की सीमा पर कड़ाके की सर्दी की रात में आमरण अनशन पर बैठा हो तो इससे अधिक निंदा की बात क्या होगी. ये एपी सिंह वही हैं जिन्होंने निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों का कोर्ट में पक्ष रखा था.