Advertisement

'मेरे भाई से बात करवा दो...', आखिरी ख्वाहिश पूरी होते ही ट्रेन के डिब्बे में फंसे घायल ने तोड़ा दम

ओडिशा रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है. इन्हीं में से एक युवक था बिहार का रहने वाला ललित ऋषिदेव. वह इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था. जब उसे रेस्क्यू किया गया तो उसने कहा कि वह फोन पर अपने भाई से बात करना चाहता है. जैसे ही उसकी भाई से बात करवाई गई, थोड़ी ही देर बाद ललित ने दम तोड़ दिया.

पूर्णिया का रहने वाला था ललित ऋषिदेव. पूर्णिया का रहने वाला था ललित ऋषिदेव.
अनिर्बन सिन्हा रॉय
  • बालासोर,
  • 04 जून 2023,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

मेरे भाई से बात करवा दो... ये अंतिम ख्वाहिश थी ललित ऋषिदेव की. जी हां 22 साल का ललित भी ओडिशा रेल हादसे में मारे गए उन 288 लोगों में से एक है जो कि कोरोमंडल ट्रेन में सफर कर रहा था. लेकिन उसे नहीं पता था कि यह सफर उसकी जिंदगी का आखिरी सफर होने वाला है. बिहार के पूर्णिया का रहने वाले ललित को चेन्नई में मजदूरी का काम मिला था.

Advertisement

नौकरी के लिए वह घर से निकला तो जरूर. लेकिन अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सका. बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में ललित गंभीर रूप से घायल हो गया था.

जब उसे रेस्क्यू किया गया तो उसकी हालत काफी नाजुक थी. शायद वह जान चुका था कि अब उसके पास गिनती के कुछ ही मिनट बचे हैं. इसलिए उसने रेस्क्यू करने वाले शख्स से गुजारिश की कि वह उसकी बात उसके छोटे भाई से करवा दे.

शख्स ने तुरंत ललित का मोबाइल ढूंढना शुरू किया. जल्द ही मोबाइल मिला तो ललित के भाई मिथुन ऋषिदेव को फोन लगाया गया. कुछ ही मिनट ललित उससे बात कर पाया. फिर उसकी वहीं मौत हो गई. भाई की मौत की खबर सुनते ही मिथुन फूट-फूट कर रोने लगा. परिवार भी सदमे में चला गया.

Advertisement

नहीं मिल पा रहा था ललित का शव
भाई का शव लेने के लिए रविवार को जब मिथुन परिवार संग बालासोर पहुंचा तो उन्हें ललित का शव ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, उस समय पता ही नहीं चल पा रहा था कि आखिर ललित का शव है कहां. इतने ज्यादा शवों में ललित का शव ढूंढना काफी मुश्किल भरा था. फिर 'आजतक' की टीम ने मिथुन और उसके घर वालों की मदद की.

ललित के साथ सफर कर रहे दो लोगों की भी मौत
आखिरकार ललित का शव ढूंढ निकाला गया. बेटे के शव को देख माता-पिता अपनी सुध ही खो बैठे. वहीं, मिथुन भी यकीन नहीं कर पा रहा था कि उसका बड़ा भाई अब इस दुनिया में नहीं है. परिवार ने बताया कि ललित के साथ तीन और भी लोग थे. जिनमें से दो की मौत इस रेल हादसे में हो गई है.

रेल हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हुई है

बता दें, ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को तीन रेलगाड़ियों में हुई भीषण टक्कर से अभी तक 288 लोगों की मौत हो गई है. जबकि एक हजार से अधिक लोग घायल हैं. बचाव और राहत कार्य के बाद रेलवे वे शनिवार रात में ही पटरियों से अधिकांश मलबा हटा दिया है और ट्रैक को जल्द शुरू करने की कोशिश जारी है. रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक कर्मचारी लगातार काम पर जुटे हैं. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement