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परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी INS अरिहंत से बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि आज एक बैलेस्टिक मिसाइल का पूर्व निर्धारित सीमा तक परीक्षण किया गया. सफल परीक्षण के बाद मिसाइल के तकनीकी मानकों को मान्य किया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि INS अरिहंत द्वारा एसएलबीएम (पनडुब्बी से लॉन्च की गई बैलिस्टिक मिसाइल) का सफल परीक्षण चालक दल की योग्यता साबित करता है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह परीक्षण भारत की 'विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता' की नीति को ध्यान में रखते हुए किया गया है. इसके साथ ही भारत की 'नो फर्स्ट यूज' प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है.
ये है खासियत
यह एटमी हथियारों से लैस पनडुब्बी काफी महत्वपूर्ण हथियार है. यह पनडुब्बी समुद्र के किसी भी कोने से शहर को बर्बाद करने की क्षमता वाली मिसाइल छोड़ सकती है. साथ ही इसे काफी जल्दी डिटेक्ट भी नहीं किया जा सकता. साथ ही परमाणु रिएक्टर से मिली, एनर्जी से चलने वाली दूसरी खूबियों के कारण लंबे समय तक गहरे पानी के भीतर भी रह सकती है.
आईएनएस अरिहंत में 750 किमी और 3500 किमी क्षमता वाली मिसाइलें हैं. हालांकि इस मामले में भारत से आगे अमेरिका, रूस और चीन है, जिनके पास 5000 किलोमीटर से ज्यादा दूर तक वार करने वाली मिसाइल हैं.
आईएनएस अरिहंत परमाणु ऊर्जा से चलने वाला प्रमुख जहाज है. इसके जरिए समुद्र, जमीन और हवा से परमाणु हमला किया जा सकता है. अरिहंत को 26 जुलाई 2009 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा विजय दिवस (कारगिल युद्ध विजय दिवस) की वर्षगांठ पर लॉन्च किया गया था.
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