
बलूचिस्तान प्रांत के कई हिस्सों में शनिवार को शटर डाउन और चक्का जाम किया गया. बलूच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसा के बाद हड़ताल का ऐलान किया गया था. प्रांतीय राजधानी क्वेटा समेत कई शहरों में बीवाईसी के नेता महरंग बलूच की गिरफ्तारी के विरोध में बाजार बंद रहे.
बीवाईसी नेता महरंग बलोच का आरोप है कि इस धरना प्रदर्शन में पुलिस ने बर्बर कार्रवाई करते हुए तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी और 13 अन्य को घायल कर दिया. महरंग समेत कई कार्यकर्ता हिरासत में ले लिए गए हैं. इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रांत को बंद कर दिया. सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की शुरुआत की थी जिसमें एक महिला कांस्टेबल समेत 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
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इंटरनेट पर भी लगाया गया बैन, अज्ञात ने लोगों पर चलाई गोली
मामला शुक्रवार का है जब बलूचिस्तान यूनिवर्सिटी के पास स्टूडेंटस प्रदर्शन कर रहे थे, और कथित रूप से पुलिस ने यहां बर्बरता की थी. बीवाईसी के कार्यकर्ताओं ने सारीब रोड पर कथित शवों के साथ धरना भी दिया. बाद में, गिरफ्तारी के बाद कहा गया कि शवों को जब्त कर लिया गया है. हिंसा के दौरान क्वेटा में मोबाइल सेवाएं बंद कर दी गईं और इंटरनेट को भी बैन कर दिया गया. बताया जा रहा है कि इस बीच तुरबत के मलिकाबाद इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की, जिसमें दो बच्चे घायल हो गए.
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चार मजदूरों की मौत का मामला!
इसी दौरान कैलट जिले में चार मजदूरों की हत्या कर दी गई. यह मजदूर पंजाब के सादिकाबाद के रहने वाले थे और मंगोचर शहर में उन्हें निशाना बनाया गया. कैलट के डिप्टी कमिश्नर जमील बलूच ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी की, जिसमें चार मजदूरों की मौत हो गई. हालांकि अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, इससे पहले भी बलूच संगठन पंजाब के लोगों को निशाना बना चुके हैं.