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बांग्लादेश: चिन्मय दास के समर्थक वकील पर कट्टरपंथियों ने किया अटैक, ICU में भर्ती

बांग्लादेश में अशांति तब शुरू हुई, जब आध्यात्मिक लीडर चिन्मय कृष्ण को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद, उन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगाया गया.

हिंदू साधु का बचाव करने पर वकील रमेन रॉय पर हमला  हिंदू साधु का बचाव करने पर वकील रमेन रॉय पर हमला
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:25 PM IST

बांग्लादेश (Bangladesh) के हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण प्रभु के समर्थक वकील रामेन रॉय पर 'क्रूर हमला' किया गया है. जानकारी के मुताबिक, रॉय की एकमात्र गलती यह थी कि वह प्रभु का समर्थन कर रहे थे. रामन रॉय, चिन्मय प्रभु के समर्थक के रूप में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए शाहबाग गए थे. हमले में रॉय गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के लिए उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जिसके बाद उन्हें ICU रखा गया.

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Please pray for Advocate Ramen Roy. His only 'fault' was defending Chinmoy Krishna Prabhu in court.

Islamists ransacked his home and brutally attacked him, leaving him in the ICU, fighting for his life.#SaveBangladeshiHindus #FreeChinmoyKrishnaPrabhu pic.twitter.com/uudpC10bpN

बांग्लादेश में अशांति तब शुरू हुई, जब आध्यात्मिक लीडर चिन्मय कृष्ण को 25 नवंबर को गिरफ्तार किया गया, उन पर 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा ध्वज फहराने के आरोप में देशद्रोह का आरोप लगाया गया. गिरफ्तारी के बाद से हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 27 नवंबर को चटगांव में एक वकील के साथ हुई घातक घटना भी शामिल है.

चिन्मय कृष्ण दास पर बवाल क्यों?

पिछले कुछ दिनों से बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बवाल जारी है. राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए चिन्मय प्रभु को लेकर इस्कॉन ने बयान जारी कर उन रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि चिन्मय प्रभु का इस्कॉन संगठन से कोई संबंध नहीं है.

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यह भी पढ़ें: क्या चिन्मय दास को मिलेगी जमानत? बांग्लादेश की कोर्ट में 3 दिसंबर को सुनवाई

संगठन ने बयान जारी कर कहा कि इस्कॉन चिन्मय कृष्ण दास के अधिकारों का समर्थन करता है और उन्होंने हिंदुओं और उनके पूजा स्थलों की रक्षा के लिए चिन्मय के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों से  दूरी नहीं बनाई है.

बयान में कहा गया कि हम अन्य सभी सनातनी समूहों के साथ मिलकर हिंदुओं की सुरक्षा का समर्थन करते हैं और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को शांतिपूर्ण ढंग से रहने का माहौल फिर से तैयार करने का आह्वान करते हैं.

 

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