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रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में शॉर्टकॉट कैसे पड़ रहा भारी, ओडिशा हादसे से पहले मिली थी चेतावनी, गलत ट्रैक पर भेजी गईं 5 ट्रेनें

रेलवे बोर्ड ने अप्रैल में ही अपने सिग्नलिंग कर्मचारियों को मेंटेनेंस के बाद  उचित परीक्षण के बिना सिग्नलिंग गियर को फिर से जोड़ने के तरीके में शॉर्टकट का इस्तेमाल करने से रोका था. इतना ही नहीं 3 अप्रैल को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड ने उन 5 घटनाओं का जिक्र किया था, जहां शॉर्टकट तरीकों का इस्तेमाल करने से घटनाएं हुईं थीं. 

ओडिशा के बालासोर में 2 जून को ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था. ओडिशा के बालासोर में 2 जून को ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था.
aajtak.in
  • बालासोर,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

ओडिशा के बालासोर में 2 जून को ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ था. इस हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है. रेलवे ने इस हादसे के पीछे की वजह 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम' को बताया था और इसमें छेड़छाड़ की आशंका जताई थी. इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. इसी बीच हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि अप्रैल में रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल प्रमुखों को चेतावनी दी थी. रेलवे बोर्ड ने 5 घटनाओं का जिक्र कर खतरनाक बताते हुए जोनल चीफ ऑफिसर्स को शॉर्टकट तरीकों से बचने के लिए कहा था.

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रेलवे बोर्ड ने अप्रैल में ही अपने सिग्नलिंग कर्मचारियों को मेंटेनेंस के बाद  उचित परीक्षण के बिना सिग्नलिंग गियर को फिर से जोड़ने के तरीके में शॉर्टकट का इस्तेमाल करने से रोका था. इतना ही नहीं 3 अप्रैल को लिखे पत्र में रेलवे बोर्ड ने उन 5 घटनाओं का जिक्र किया था, जहां शॉर्टकट तरीकों का इस्तेमाल करने से घटनाएं हुईं थीं. 

रेलवे बोर्ड ने शॉर्टकट लेने पर जताई थी नाराजगी

बोर्ड ने पत्र में कहा था कि पटरियों पर मेंटेनेंस के बाद इसको चेक किए बिना सिग्नलिंग गियर से वापस जोड़ दिया गया था. रेलवे ने कहा था कि अगर ऐसा किया जाता है, तो यह दर्शाता है कि रेलवे को कोड मैनुअल को आप कमजोर कर रहे हैं. इससे हादसों के चांस बढ़ जाते हैं. इनको तुरंत रोकने की जरुरत है. बोर्ड ने सिग्नलिंग विभाग पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि ये घटनाएं बताती हैं कि बार-बार के निर्देशों के बावजूद जमीनी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है और सिग्नलिंग कर्मचारी लगातार साइट पर जाकर बिना चेक किए सिग्नल क्लियर करने के लिए शॉर्टकट तरीके अपना रहे हैं. 

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रेलवे बोर्ड ने कहा कि कड़े लक्ष्यों के साथ कई बुनियादी ढांचे के काम प्रगति पर हैं, और फील्ड पर अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से सिग्नलिंग प्रणाली की अखंडता बहुत महत्वपूर्ण है. मंडल और मुख्यालय स्तर पर हर हफ्ते सुरक्षा बैठकों में इन पहलुओं की समीक्षा करने की जरूरत है. 

288 लोगों की हुई मौत, 1000 लोग हुए थे घायल

बालासोर में 2 जून को तीन ट्रेनों की टक्कर हो गई थी. यहां चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद कोरोमंडल के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे. ये डिब्बे पास वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे. इस हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 1000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे.

 

 

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