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बंगाल ने आलू के निर्यात पर लगाई रोक, ममता सरकार बोली- बांग्लादेश भेजे जा रहे Potatoes

पड़ोसी झारखंड और ओडिशा आलू के लिए पश्चिम बंगाल पर निर्भर है और इन दोनों राज्यों में भी आलू की क़ीमतें बढ़ने शुरू हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में भी आलू खुदरा बाज़ार में 30-40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टास्क फ़ोर्स का गठन भी किया गया है.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी. (फाइल फोटो) पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी. (फाइल फोटो)
अनुपम मिश्रा
  • कोलकाता,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:28 PM IST

बंगाल में आलू पर छिड़े घमासान के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र पर गंभीर आरोप लगाया है. ममता सरकार का आरोप है कि केंद्र सरकार बंगाल के कुछ आलू व्यापारियों की मदद से बांग्लादेश में आलू सप्लाई कर रही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल में इस वक्त आलू की क़िल्लत चल रही है. आलू का प्रमुख उत्पादक होने के बावजूद पश्चिम बंगाल ने इस वक़्त आलू की सप्लाई राज्य से बाहर भेजने पर रोक लगाई है. 

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पश्चिम बंगाल सरकार में कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी सरकार को बिना बताए केंद्र कुछ आलू व्यापारियों के साथ मिलकर बांग्लादेश आलू भेज रही है. इसके साथ ही तूफान दाना और बारिश की वजह से आलू की नई फसल में किल्लत आई है. यही वजह है कि अभी पश्चिम बंगाल खुद अपनी आलू की जरूरतों पर ध्यान दे रहा है और बाहर आलू नहीं भेजा जा रहा. 

बता दें कि पड़ोसी झारखंड और ओडिशा आलू के लिए पश्चिम बंगाल पर निर्भर है और इन दोनों राज्यों में भी आलू की क़ीमतें बढ़ने शुरू हो चुकी है. पश्चिम बंगाल में भी आलू खुदरा बाज़ार में 30-40 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से टास्क फ़ोर्स का गठन भी किया गया है. 

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राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कह दिया है कि पश्चिम बंगाल पहले अपनी जरूरत पूरी करेगा, उसके बाद किसी और को आलू दिया जाएगा. वहीं कुछ आलू व्यापारियों ने हड़ताल का ऐलान भी किया हुआ है. ऐसे में एक ओर जहां आलू व्यापारी और राज्य सरकार के बीच ठनी हुई है, वहीं दूसरे राज्यों को भी पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. 

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