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भर्ती में रिश्वत, प्रॉपर्टी में निवेश और कंपनियों के जरिए पैसे खपाना... जानिए कैसे चल रहा था पार्थ और अर्पिता के बीच कैश का खेला?

ED की पूछताछ में अर्पिता मुखर्जी ने स्वीकार किया है कि जो कैश जांच एजेंसी ने बरामद किया है, वह पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी का है. ED ने ऐसी कई संपत्तियों का भी पता लगाया है, जो अर्पिता और पार्थ ने संयुक्त रूप से खरीदी है.

पार्थ चटर्जी/अर्पिता मुखर्जी (File Photo) पार्थ चटर्जी/अर्पिता मुखर्जी (File Photo)
सूर्याग्नि रॉय /इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 26 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

शिक्षक भर्ती घोटाले में बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी बुरी तरह घिरते दिखाई दे रहे हैं. कोर्ट ने पार्थ और अर्पिता को 3 अगस्त तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. ईडी का कहना है कि अर्पिता ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि कैश पार्थ का है. ईडी ने कोर्ट में अर्पिता और पार्थ चटर्जी दोनों की 14 दिन की हिरासत मांगी थी.

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ED के मुताबिक कोलकाता की डायमंड सिटी में पार्थ के तीन और फ्लैट मिले हैं. ईडी के सूत्रों ने दावा किया है कि पार्थ चटर्जी फ्लैट नंबर 18/D, 19/D और 20/D के मालिक हैं. ये पूरी तरह से एयर कंडीशंड हैं. इतना ही नहीं, इनमें से एक लग्जरी फ्लैट ऐसा भी है, जिसमें सिर्फ पार्थ चटर्जी के पालतू कुत्ते रहते हैं.

पार्थ एनिमल लवर हैं, इसलिए उन्होंने एक बंगला कुत्तों के लिए ही समर्पित कर रखा हैं. इनमें से एक फ्लैट में अर्पिता मुखर्जी रहती थीं. इसके अलावा पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी ने बोलपुर में शांति निकेतन में संयुक्त रूप से एक अपार्टमेंट लिया था. सूत्रों के मुताबिक शांति निकेतन के 7 घर और अपार्टमेंट भी जांच के दायरे में हैं.

अर्पिता के साथ खरीदी संयुक्त संपत्ति

ईडी ने कहा कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की संयुक्त संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. इस संपत्ति को पार्थ ने 2012 में खरीदा था. अर्पिता ने पूछताछ के दौरान यह भी स्वीकार किया कि नकदी पार्थ की है. इन पैसों को अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी कंपनियों में लगाने की योजना थी. नकद राशि भी एक-दो दिन में उसके घर से बाहर ले जाने की योजना थी.

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बरामद हो सकते हैं 100 करोड़ रुपए

ईडी की तरफ से कोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने पक्ष रखा था. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि अभी करीब 22 करोड़ रुपए कैश ही बरामद हो पाया गया है. इसके अलावा, 100 करोड़ रुपए और बरामद होंगे. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि ये बहुत बड़ा स्कैम है. 

12 फर्जी कंपनियों का खुलासा

ईडी के मुताबिक प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अर्पिता मुखर्जी 'वित्तीय गड़बड़ी' के लिए करीब 12 फर्जी कंपनियां चला रही थीं. इस दौरान ज्वाइंट सेल डीड भी मिली है. सेल डीड में संयुक्त नामों का भी जिक्र है.

तलाशी में ED को मिले ये दस्तावेज

पार्थ के घर से ED को कई अहम दस्तावेज मिले हैं. जांच एजेंसी ने आजतक को बताया कि मंत्री के घर से क्लास सी और क्लास डी सेवाओं में भर्ती के उम्मीदवारों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. एजेंसी को पता चला है कि पार्थ सक्रिय रूप से ग्रुप डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में शामिल थे. 

पार्थ के घर से ग्रुप डी उम्मीदवारों की लिस्ट, क्षेत्रीय स्तर चयन परीक्षा का प्रवेश पत्र, 2016 के समापति ठाकुर नामक उम्मीदवार का गैर-शिक्षण स्टाफ (ग्रुप डी) के लिए एप्लीकेशन, रोल नंबर के साथ उच्च प्राथमिक शिक्षक पद के लिए 48 उम्मीदवारों की सूची भी मिली है. इसके अलावा ग्रुप डी स्टाफ की भर्ती से संबंधित अन्य दस्तावेज और भर्ती के लिए बनाए गए फाइनल रिजल्ट की समरी, उम्मीदवारों के एडिमट कार्ड और इंद्रनील भट्टाचार्य नामक उम्मीदवार के लिए प्रशंसापत्र और व्यक्तिगत परीक्षण के लिए सूचना पत्र भी बरामद किया गया है.

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अर्पिता के घर से मिला था 'नोटों का पहाड़'

ईडी ने पार्थ की सहयोगी अर्पिता को भी गिरफ्तार कर लिया था. उनके घर से ईडी को 21 करोड़ 20 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई थी. अर्पिता के घर में नोट गिनने के लिए ईडी को दूसरे दिन भी दो मशीनें मंगानी पड़ी थीं. इसके साथ ही उनके घर से 79 लाख का गोल्ड और 54 लाख की विदेशी मुद्रा मिली थी.

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