
पश्चिम बंगाल में अगले महीने आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. इससे पहले राज्य में बड़े पैमाने पर हिंसा भी जारी है. बीते महीने से ही राज्य के कई जिलों से हिंसा की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इस बीच चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मुर्शिदाबाद में तृणमूल और सीपीएम के समर्थकों के बीच झड़प की खबर है. राज्यपाल के काफिले को काले झंडे दिखाए गए.
पंचायत चुनाव के प्रचार-प्रसार के बीच मुर्शिदाबाद जिले के डोमकोल में हिंसा भड़क गई. यहां प्रचार के दौरान तृणमूल और सीपीआईएम के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि सीपीआईएम के उम्मीदवार डोमकोल में प्रचार कर रहे थे. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने दावा किया कि विपक्षी भीड़ को उकसाकर माहौल खराब कर रहे हैं. इस बीच दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई. इस दौरान बम भी फेंके गए. कहा गया कि टीएमसी समर्थकों पर फायरिंग भी की गई. इस दौरान टीएमसी के चार कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
राज्यपाल को दिखाए गए काले झंडे
तृणमूल के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सिलीगुड़ी में राज्यपाल सीवी आनंद बोस को काले झंडे दिखाए. राज्यपाल उत्तरी बंगाल दौरे पर थे जहां वह अलग-अलग विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर्स से मिल रहे थे. वह नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी गए थे, जहां टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे दिखाए.
दरअसल राज्यपाल ने राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु की सहमति के बिना कुछ वाइस चांसलर्स को नियुक्त किया था. टीएमसी बंगाल में बिना सरकार की मंजूरी के वाइस चांसलर्स को नियुक्त करने को लेकर राज्यपाल की आलोनचना करती रही है.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्रियों ने पंचायत चुनाव को लेकर केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर विवाद पर पलटवार करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टियों ने इसकी मांग की थी और अब चुनावों के मद्देनजर 822 कंपनियों की तैनाती की जाएगी. लेकिन अब भी उन्हें दिक्कत है. मुझे लगात है कि विपक्षी दलों को जाकर केंद्र सरकार के समक्ष अपील करनी चाहिए. अगर केंद्र सरकार 1600 और कंपनियों को तैनात कर देगी तो भी हमें कोई आपत्ति नहीं है.
ममता बनर्जी 12 सालों में पहली बार पंचायत चुनाव का प्रचार कर रही
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी 12 सालों के बाद पंचायत चुनावों के लिए प्रचार कर रही है, जिससे राज्य में तृणमूल कांग्रेस पार्टी की कमजोरी का पता चलता है. उन्हें अहसास हो गया है कि अगर वह प्रचार नहीं करेंगी तो उनकी पार्टी को बुरा हश्र होगा.
ममता बनर्जी ने जलपाईगुड़ी में टी स्टॉल पर बनाई चाय
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी अगले महीने होने जा रहे पंचायत चुनावों को लेकर प्रचार-प्रसार कर रही है. इस दौरान जलपाईगुड़ी के मालबाजार प्रचार करने पहुंची बनर्जी ने एक टी स्टॉल पर चाय भी बनाई.
वह सोमवार को जलपाईगुड़ी के मालबाजार में प्रचार के बाद अचानक ही एक टी स्टॉल गईं और चाय बनानी शुरू कर दी. देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग टी स्टॉल पर इकट्ठा होने लगे.
ममता बनर्जी ने बाद में पत्रकारों, पार्टी नेताओं और अन्य अधिकारियों को चाय भी परोसीं. इस दौरान उन्होंने कहा कि इसमें कुछ नया नहीं है. मैं हमेशा चाय बनाती हूं और जब भी दार्जीलिंग जाती हूं, मुझे मोमोज बनाना भी पसंद है.