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बंगाल पुलिस ने फैक्ट फाइडिंग टीम को संदेशखाली जाने से रोका, धरने पर बैठे मेंबर्स

संदेशखाली जा रही सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, एडवोकेट ओपी व्यास, भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं.

 बंगाल पुलिस द्वारा संदेशखाली जाने से रोके जाने पर सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों ने धरना दिया. (Aaj Tak Photo) बंगाल पुलिस द्वारा संदेशखाली जाने से रोके जाने पर सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों ने धरना दिया. (Aaj Tak Photo)
श्रेया चटर्जी
  • कोलकाता,
  • 25 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए यहां जा रही एक सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 70 किलोमीटर पहले ही रोक लिया. इसके बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने मौके पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संदेशखाली की सच्चाई छिपाना चाहती है, इसलिए उसके इशारे पर पुलिस उन्हें वहां जाने से रोक रही है. 

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फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने कल साउथ 24 परगना में कई स्थानों का दौरा किया और लोगों ने उन्हें बताया वे इस क्षेत्र के आसपास बसे रोहिंग्याओं के अत्याचारों का शिकार हो रहे हैं. सदस्यों ने पुलिस से कहा कि वे धारा 144 का पालन करने और दो या तीन के समूह में संदेशखाली जाने के लिए तैयार हैं. लेकिन पुलिस ने संवेदनशील हालातों का हवाला देकर उन्हें जाने से रोक दिया.

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संदेशखाली जा रही सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, एडवोकेट ओपी व्यास, भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं. फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी की सदस्य चारू वली खन्ना ने कहा, 'हम संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन उन्होंने हमें रोक दिया... पुलिस ने जानबूझकर हमें रोका है और आम लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर रही है. पुलिस हमें संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही है.

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संदेशखाली में महिलाओं के समूह ने फरार चल रहे स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर के साथ-साथ अन्य लोगों पर अपनी जमीनें हड़पने, यौन शोषण करने समेत कई सनसनीखेज आरोप लगाया है. करीब महीने भर से संदेशखाली हिंसा से प्रभावित है. कुछ दिन पहले महिलाओं ने हाथों में हंसिया लेकर शेख शाहजहां और उसके गुर्गों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान उग्र भीड़ ने स्थानीय टीमएसी नेताओं के ठिकानों और प्रतिष्ठानों में आगजनी की थी. तबसे संदेशखाली में तनाव व्याप्त है. महिलाएं शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं. मामले में उसके दो सहयोगियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

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