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बंगाल पर कांग्रेस का फोकस, अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर हुआ मंथन, 200 नेता हुए शामिल

2021 के चुनावों में देश की सबसे पुरानी पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन सागरदिघी में एक उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. ​​हालांकि, उनके एकमात्र विधायक सत्तारूढ़ टीएमसी ब्रिगेड में शामिल हो गए. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अधिकांश नेताओं की राय है कि कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए और इसका मतलब है कि उसे वाम मोर्चे से दूरी बना लेनी चाहिए.

बंगाल को लेकर कांग्रेस की बैठक हुई (सांकेतिक तस्वीर) बंगाल को लेकर कांग्रेस की बैठक हुई (सांकेतिक तस्वीर)
सूर्याग्नि रॉय
  • कोलकाता,
  • 01 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 4:26 PM IST

बंगाल कांग्रेस ने 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के 200 वरिष्ठ नेताओं के साथ एक कार्यशाला आयोजित की. कार्यशाला की अध्यक्षता पार्टी के पर्यवेक्षक गुलाम मीर ने की, जिसमें राज्य प्रमुख शुभंकर सिन्हा और पूर्व सांसद अधीररंजन चौधरी भी शामिल हुए. इसमें मैसेज स्पष्ट था, कांग्रेस 2026 के चुनावों से पहले बूथ स्तर पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करना चाहती है. उनका मानना ​​है कि जब तक बूथ और ब्लॉक मजबूत नहीं होंगे, तब तक वे विधानसभा में अपनी संख्या नहीं बढ़ा सकते. 

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दरअसल, 2021 के चुनावों में देश की सबसे पुरानी पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन सागरदिघी में एक उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. ​​हालांकि, उनके एकमात्र विधायक सत्तारूढ़ टीएमसी ब्रिगेड में शामिल हो गए. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अधिकांश नेताओं की राय है कि कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए और इसका मतलब है कि उसे वाम मोर्चे से दूरी बना लेनी चाहिए. कांग्रेस पर्यवेक्षक गुलाम मीर ने खुले तौर पर कहा कि कांग्रेस के लिए बंगाल सर्वोच्च प्राथमिकता है.

उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य बातचीत करना और सुझाव देना है कि कांग्रेस को कैसे मजबूत किया जाए. हमारे पास 2026 का टारगेट है, हमें आगे बढ़ना है. हमारे सामने दो सत्तारूढ़ दल हैं. बंगाल के लोग चाहते हैं कि राहुल जी आएं. हमने ब्लॉक और बूथ स्तर पर विकास के लिए कड़ी मेहनत करने का प्रस्ताव पारित किया है. 200 से अधिक प्रतिनिधि वहां मौजूद थे. पश्चिम बंगाल हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.” 

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पार्टी के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि पार्टी के नेता 2026 के चुनावों से पहले वाम और टीएमसी दोनों से समान दूरी बनाए रखना चाहते हैं. मुख्य एजेंडा बूथों को मजबूत करना था. बंगाल से कांग्रेस के एकमात्र सांसद ईसा खान चौधरी ने कहा, “हमने हर जिले में अपने बूथों को मजबूत करने के सुझाव लिए हैं. हमसे पूछा गया है कि हम किसी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं या नहीं." 

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