
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा मामले में अब सीबीआई एक्शन मोड में आ गई है. कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को दिल्ली से सीबीआई की एक टीम बंगाल पहुंची और आते ही उनकी तरफ से 9 FIR दर्ज कर ली गईं. इसमें अभिजीत सरकार की हत्या वाला मामला भी शामिल कर लिया गया है.
खबर है कि आने वाले दिनों में सीबीआई और भी FIR दर्ज करने जा रही है. जैसे ही कोलकाता पुलिस की तरफ से सीबीआई संग और जरूरी जानकारी साझा की जाएगी, जांच का दायरा बढ़ता जाएगा. अभी के लिए सीबीआई द्वारा लोगों से सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हो चुका है. पीड़ितों के परिवार से सीबीआई बात कर रही है, वहीं मौका-ए-वारदात पर भी जाने की तैयारी है. तमाम बारीकियों पर ध्यान रहे, इसलिए फॉरेंसिक टीम से भी संपर्क साधा गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई द्वारा चार विशेष टीमों का गठन किया गया था. इन विशेष टीमों में कुल 25 ऑफिसर रखे गए थे. इन सभी को बंगाल हिंसा के दौरान हुई बलात्कार की वारदातें और हत्या वाले मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वहीं कोर्ट द्वारा दूसरे मामलों की जांच के लिए SIT भी बना दी गई है.
उस टीम में पुलिस अधिकारी सुमन बाला साहू (डीजी रैंक अधिकारी) और दो अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है. उन्हें 6 हफ्तों के भीतर अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी होगी. कोर्ट की तरफ से कहा गया कि उनके निर्देश के बिना किसी पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. जोर इस बात पर भी रहा है कि पूरी जांच पारदर्शी तरीके से होगी और राज्य सरकार भी उनकी मदद करेगी.
वैसे यहां ये जानना जरूरी है कि कोर्ट के फैसले से पहले ही मानव अधिकारों की जांच कमेटी ने अपनी एक रिपोर्ट सौंप दी थी. उस रिपोर्ट में राज्य की ममता सरकार को हिंसा के लिए जिम्मेदार माना गया था. तब अपील की गई थी कि रेप और हत्या वाले मामलों में सीबीआई जांच करवाई जाए. फिर कलकत्ता हाई कोर्ट ने उस रिपोर्ट के आधार पर ही इस मामले में सीबीआई को जांच करने के निर्देश दिए.