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बेंगलुरु: पुलिस ने 3 NSUI के कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार, वीर सावरकर फ्लाईओवर के साइनबोर्ड पर कालिख पोतने का है आरोप

वीर सावरकार जयंती के मौके पर बेंगलुरु में हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के नाम के साइनबोर्ड पर कालिख पोतने के आरोप में 3 NSUI के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि हमने सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान और नुकसान की रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पुलिस ने 3 NSUI के कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार. (Photo source @RAshokaBJP) पुलिस ने 3 NSUI के कार्यकर्ताओं को किया गिरफ्तार. (Photo source @RAshokaBJP)
aajtak.in
  • बेंगलुरु,
  • 29 मई 2024,
  • अपडेटेड 6:39 AM IST

कर्नाटक में एक फ्लाईओवर पर हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर के नाम के साइनबोर्ड पर कालिख पोतने के आरोप में 3 NSUI के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये घटना मंगलवार को वीर सावरकार जयंती के मौके पर हुई थी.

पुलिस ने बताया कि येलहंका में वीर सावरकर के नाम पर एक फ्लाईओवर के साइनबोर्ड को कथित तौर पर पौतने के आरोप में तीन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.

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पुलिस के अनुसार, कांग्रेस पार्टी की छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं फ्लाईओवर का नाम बदलने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कथित तौर पर बोर्ड पर सरवरकर के नाम पर कालिख पोत दी और 'भगत सिंह फ्लाईओवर' नाम का एक बैनर लगा दिया. इस दौरान उन्होंने भगत सिंह की तस्वीरें दिखाते हुए इंकलाब जिंदाबाद के नारे भी लगाए. पुलिस ने बाद में मौके पर पहुंचकर साइनबोर्ड से बैनर हटाकर साफ कर दिया.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "उन्होंने बोर्ड पर काला रंग डाल दिया था. हमने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने के रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है और तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने एनएसयूआई का स्कार्फ पहन रखा था.

आर. अशोक ने की कांग्रेस की आलोचना

वहीं, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बहुत पहले ही महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर के मूल्यों को त्याग दिया है जो वीर सावरकर की प्रशंसा करते थे, लेकिन उन्हीं में से एक इंदिरा गांधी के बारे में क्या, जिन्होंने भी वीर सावरकर को एक महान क्रांतिकारी के रूप में सम्मानित किया था? 

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उन्होंने आगे कहा कि क्या सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीकेशिवकुमार ने इंदिरा गांधी को भी सिर्फ इसलिए छोड़ दिया है, क्योंकि यह उनकी संकीर्ण और कट्टर वोट बैंक की राजनीति के अनुकूल नहीं हैं?

बता दें कि जब कर्नाटक में भाजपा सत्त में थी, तब कांग्रेस समेत अन्य लोगों को विरोध के बीच इस फ्लाईओवर का नाम वीर सावरकर के नाम पर रख दिया गया था.

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