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बेंगलुरु: G-20 समिट में 'यूक्रेन युद्ध' पर हुई चर्चा, रूस-चीन की आपत्ति के बाद भी जारी किया गया संयुक्त बयान

बेंगलुरु में शनिवार को जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक सम्पन्न हुई. बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया, जिस पर रूस और चीन ने विरोध जताया, हालांकि बाकी सभी देशों ने सहमति जताई. दरअसल दोनों देशों का कहना था कि जी20 समिट में यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करना उचित नहीं है. 

निर्मला सीतारमण भी समिट में हुईं शामिल निर्मला सीतारमण भी समिट में हुईं शामिल
अक्षय डोंगरे
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:40 PM IST

बेंगलुरु में दो दिन से जारी जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक शनिवार को खत्म हो गई. इस बैठक के बाद 'जी-20 अध्यक्ष का सारांश और परिणामी दस्तावेज' जारी किया गया है. इस संयुक्त बयान में यूक्रेन युद्ध का जिक्र किया गया है, जिसका रूस और चीन ने विरोध कर दिया. 

कहा गया कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मंच है. यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक वास्तुकला और शासन को आकार देने और मजबूत करने में भूमिका निभाता है. ऐसे में बैठक यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई घोषणा नहीं की जा सकती. हालांकि दोनों देशों छोड़कर सभी सदस्य देशों ने पिछले साल 15-16 नवंबर को बाली में हुई जी-20 की बैठक के बाद की गई घोषणा पर सहमति जताई है. 

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संयुक्त बयान में शामिल किया गया बाली डायलॉग

दरअसल यह तय हुआ था कि सभी सदस्य देशों की सहमति के बाद ही संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. जब यह जारी हुआ तो उसके तीसरे और चौथे फैराग्राफ में 'यूक्रेन युद्ध' का जिक्र होने के कारण रूस और चीन ने आपत्ति दर्ज करा दी.

हालांकि इसके बाद भी लिखित बयान जारी कर दिया गया लेकिन बयान के नोट में यह स्पष्ट भी कर दिया गया कि डॉक्यूमेंट के तीसरे और चौथे पैराग्राफ को पिछले साल बाली में हुई जी20 समिट की घोषणा से लिया गया है, जिस पर रूस और चीन को छोड़कर सभी देश सहमत हैं. नोट में लिखा कि जी20 सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने का मंच नहीं है लेकिन हम यह मानते हैं कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दे का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खासा असर पड़ता है.

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संयुक्त बयान में कहा गया कि फरवरी 2022 के बाद से हमने यूक्रेन में युद्ध को वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हुए भी देखा है. इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित अन्य मंचों पर अपेक्षा के अनुसार अपनी राष्ट्रीय स्थिति को फिर से परिभाषित किया, जिसे 2 मार्च को बहुमत वोट (पक्ष में 141 वोट) द्वारा अपनाया गया था. 

श्रीलंका की ऋण स्थिति के समाधान की उम्मीद

इससे पहले संयुक्त बयान में कहा गया कि हम जी-20 देशों के वित्त मत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स ने 24-25 फरवरी को भारतीय अध्यक्षता में एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की थीम के साथ बैठक की. हम अंतरराष्ट्रीय नीति सहयोग बढ़ाने और मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास हासिल करने की दिशा में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हम श्रीलंका की ऋण स्थिति के तत्काल समाधान की उम्मीद करते हैं. इसके अलावा निम्न और मध्य आय वाले देशों में ऋण की कमजोरियों को दूर करने की तात्कालिकता को समझते हैं. 

तुर्किये, सीरिया को दी जाएगी हर संभव मदद

हम 6 फरवरी 2023 को विनाशकारी भूकंप से दक्षिण पूर्व तुर्किये में जीवन और विनाश के नुकसान से बहुत दुखी हैं, और तुर्किये के लोगों के साथ एकजुटता में खड़े हैं. हम दो बार विनाशकारी भूकंप से प्रभावित हुए सीरिया के लोगों के प्रति भी सहानुभूति रखते हैं. हम पहले से प्रदान की जा रही मानवीय सहायता का मूल्यांकन करने और सदस्यों और बहुपक्षीय संस्थानों से अर्थव्यवस्था और पुनर्निर्माण के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना जारी रखने का आह्वान करते हैं.

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