
बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कृष्णा गढ़वी नाम की महिला ने एक गंभीर आरोप लगाया है. गढ़वी ने एक ट्वीट में बताया है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के दौरान मुझसे शर्ट उतारने को कहा गया. सुरक्षा चौकी पर सिर्फ अंडर गार्मेंट्स पहनकर खड़ा रहना बहुत ही अपमानजनक है और इस जिस तरह लोग देख रहे थे वैसी अटेंशन तो कोई महिला नहीं चाहेगी. बेंगलुरु एयरपोर्ट आपको एक महिला को स्ट्रिप करने की क्या जरूरत पड़ गई.
महिला के इस ट्वीट पर बेंगलुरु एयरपोर्ट की ओर से रिप्लाई भी आया है. एयरपोर्ट ने लिखा- नमस्ते कृष्णा , हमें आपको हुई परेशानी के लिए गहरा खेद है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। हमने इस मसले को अपनी संचालन टीम के सामने रखा है और इसे CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) द्वारा प्रबंधित सुरक्षा टीम को भी भेज दिया है. इस मामले में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है.
व्हील चेयर पर बैठी 80 साल की महिला से उतवाए गए थे कपड़े
गौरतलब है कि बीते साल मार्च में असम के गोवाहाटी एयरपोर्ट से ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां CISF की एक महिला जवान ने एयरपोर्ट पर व्हील चेयर से आने वाली एक 80 साल की महिला, जिसका हिप इम्प्लांट हुआ था, उसकी कथित रूप से पट्टी हटाकर तलाशी ली थी. हालांकि इस मामले में बाद में CISF ने महिला जवान को सस्पेंड कर दिया था. महिला अपनी पोती के साथ गुवाहाटी एयरपोर्ट पहुंची थी. उसे दिल्ली के लिए फ्लाइट पकड़नी थी. घटना के बाद गुवाहाटी समेत देश के सभी एयरपोर्ट की सुरक्षा करने वाली सीआईएसएफ ने ट्वीट कर कहा कि यात्री की सुरक्षा और सम्मान दोनों जरूरी है.
पीड़िता महिला की बेटी ने सीआईएसएफ को टैग कर ट्वीट किया था, मेरी 80 साल की बूढ़ी मां की एयरपोर्ट सिक्योरिटी के दौरान पट्टी हटाई गई. सुरक्षाकर्मी उनके हिप इम्प्लांट का सबूत चाहते थे, इसलिए उन्हें कपड़े उतारने को मजबूर होना पड़ा. क्या हम सीनियर सिटीजन के साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं?
उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, यह घृणित है. मेरी 80 साल बूढ़ी मां को अंडरगारमेंट उतारने पड़े और उन्हें नग्न होना पड़ा. ' आखिर क्यों, क्यों'. वहीं सीआईएसएफ के अधिकारियों ने कहा कि संबंधित कर्मियों ने महिला को अपने निचले शरीर के कपड़ों को उतारने लिए कहा था क्योंकि डिटेक्टर बीप हो रहा था. ये व्यक्ति के शरीर पर किसी धातु के होने का संकेत दे रहा था. ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ कर्मियों ने ऐसी परिस्थितियों में निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया है.