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कर्नाटक में चढ़ा सियासी पारा, डीके सुरेश ने बेंगलुरु ग्रामीण में निकाला रोड शो... जुटी समर्थकों की भीड़

कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट से कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार डीके सुरेश ने शुक्रवार शाम को रोड शो किया. इस दौरान उन्हों जनता को संबोधित किया और कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील की. उनके रोड शो में स​मर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी.

चुनावी कैंपेन करते हुए कांग्रेस नेता डीके सुरेश चुनावी कैंपेन करते हुए कांग्रेस नेता डीके सुरेश
सगाय राज
  • बेंगलुरु,
  • 30 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

देश के साथ कर्नाटक में भी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल राजनीतिक हो गया है. सभी दलों के प्रत्याशी अपने- अपने निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. इसी कड़ी में बेंगलुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार डीके सुरेश (DK Suresh), भी शुक्रवार शाम को चुनावी अभियान में पहुंचे थे. उन्होंने रामनगर में रोड शो के दौरान जनता को संबोधित किया. उनके रोड शो में समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी.

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कौन हैं डीके सुरेश?

डीके सुरेश कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के छोटे भाई हैं. वो कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद हैं. कर्नाटक से वही कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं.

कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के साथ डीके सुरेश

2013 में शुरू हुई सियासी पारी

1 अप्रैल 1966 को कर्नाटक के रामनगर जिले के कनकपुरा में जन्मे डीके सुरेश की सियासी पारी 2013 में शुरू हुई थी. 

दरअसल, तब पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 21 मई 2013 को हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने डीके सुरेश को उम्मीदवार बनाया. इस उपचुनाव में जीतकर डीके सुरेश पहली बार लोकसभा पहुंचे थे.

उसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी डीके सुरेश को जीत मिली. 2019 में डीके सुरेश ने बीजेपी के ए. नारायण गौड़ा को दो लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था.

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338 करोड़ की संपत्ति के हैं मालिक

तीन बार के सांसद डीके सुरेश ने 12वीं तक पढ़ाई की है. चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में उन्होंने खुद को किसान और कारोबारी बताया है. 

हलफनामे में उन्होंने अपने पास 338 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की बात बताई थी. हैरान करने वाली बात ये है कि 2014 में उनके पास 85.87 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. यानी, पांच साल में उनकी संपत्ति तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई.

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