
कर्नाटक का आईटी हब बेंगलुरु इस समय बारिश से त्रस्त चल रहा है. लगातार हो रही बरसात ने सड़कों को तालाब बना दिया है. नाले ओवरफ्लो हो चुके हैं और सड़क पर गाड़ियां रेंगने को मजबूर दिख रही हैं. गूगल, अडोब और इंफोसिस जैसी कंपनियों को पनाह देने वाला बेंगलुरु अब इन्हीं आईटी कंपनियों को करोड़ों की चपत लगा रहा है.
IT कंपनियों के लिए डबल झटका
एक बारिश ने इन कंपनियों का इतना नुकसान कर दिया है जितना शायद अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती भी नहीं करती है. आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक में IT कंपनियों से सरकार को करीब 64 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है. जो कर्नाटक राज्य के GDP का 25% के बराबर बनता है. दूसरे राज्यों के लोगों से कर्नाटक के लोगों की औसत आय ज्यादा होने की एक बड़ी वजह IT कंपनियां ही है. लेकिन अब कर्नाटक में बारिश की वजह से बेंगलुरु की आईटी कंपनियों को 225 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. भारत की सिलिकॉन सिटी में इस समय लोगों के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना भी मुश्किल साबित हो रहा है.
बारिश से आगे भी राहत नहीं
जो तस्वीरें-वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें गाड़ियों से ज्यादा जेसीबी दिखाई दे रही हैं, बस और ऑटो की जगह ट्रैक्टर ने ले ली है. लोग ऑफिस भी ट्रैक्टर पर सवारी कर रहे हैं. एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए भी ट्रैक्टर ही एक मात्र सहारा दिखाई दे रहा है. इस समय सबसे प्रभावित इलाकों में बेलांदुर, सरजापुरा रोड, वाइटफील्ड, आउटर रिंग रोड और BEML लेआउट शामिल हैं. इससे पहले, 30 अगस्त को शहर में भारी बारिश हुई थी. तब भी ऐसे ही हालात बने थे. मौसम विभाग ने बताया है कि 9 सितंबर तक कर्नाटक में बारिश जारी रहने की संभावना है. ऐसे में इतना तो कहा ही जा सकता है कि बेंगलोर के लोगों के लिए बारिश की आफत से छुटकारा मिलने फिलहाल मुश्किल है.
सरकार की खुली पोल
अब सिर्फ आईटी कंपनियों का ही बुरा हाल हुआ हो, तो ऐसा भी नहीं है. इस समय बेंगलुरु में स्कूलों की स्थिति भी बदतर हो चुकी है. कई शहरों के ऐसे स्कूल सामने आए हैं जहां पर पढ़ाई तो दूर, बच्चों के बैग और किताबें पानी में गोते लगा रही हैं. बेंगलुरु में सरकार की नाकामी से इस शहर के इलाके वेनिस की तरह दिख रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि वेनिस में पानी शहर की खूबसूरती में चारचांद लगाता है और बेंगलुरु में सरकार की पोल खोल रहा है.