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सरकारी नौकरी के ऐसे विज्ञापनों से रहें सावधान! बेरोजगारों को चूना लगा रहे हैं ठग

फेक जॉब वेबसाइट पर आवेदकों से रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करने से पहले एक ऑनलाइन फॉर्म भरने और अपना फोन नंबर सहित व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है. आवेदन प्रक्रिया किसी आधिकारिक सरकारी पोर्टल की बजाय गूगल फॉर्म के जरिए चल रही है.

फर्जी नौकरी के विज्ञापनों के जरिए ठगी फर्जी नौकरी के विज्ञापनों के जरिए ठगी
आकाश शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

करोड़ों बेरोजगार भारतीय कई तरह की फर्जी रोज़गार योजनाओं के निशाने पर हैं. ऐसी ही एक योजना में बेरोजगारों को फंसाने के लिए ठग फर्जी सरकारी नौकरी का विज्ञापन कर लोगों को चूना लगा रहे हैं. ग्रामोद्योग रोजगार योजना, एक काल्पनिक सरकारी रोजगार योजना है, जिसके तहत दावा किया गया है कि यह श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा संचालित है. साथ ही यह पूरे भारत में नौकरी के अवसरों का विज्ञापन देती है, जिसमें घर से काम करने की सुविधा भी शामिल है.

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आवेदकों से मांग रहे फीस

वेबसाइट बनाने वाले ठग आवेदकों से रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर 1,705 रुपये की मांग कर रहे हैं. इंडिया टुडे की ओर से किए गए फोरेंसिक विश्लेषण में पाया गया कि फर्जी वेबसाइट gramodyogrojgaryojana.org इस साल 21 फरवरी को बनाई गई थी, जिससे इसकी प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं.

ऐसी कोई सरकारी योजना नहीं

बता दें कि 'ग्रामोद्योग रोजगार योजना' के नाम पर कोई वास्तविक योजना नहीं है, हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार 'मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना' के नाम से एक योजना चलाती है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमियों को दिए जाने वाले 10 लाख रुपये तक के कर्ज पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी देती है. हालांकि, यह योजना कोई रोजगार प्रदान नहीं करती है.

फर्जी नौकरी वेबसाइट पर आवेदकों से रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करने से पहले एक ऑनलाइन फॉर्म भरने और अपना फोन नंबर सहित व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है. आवेदन प्रक्रिया किसी आधिकारिक सरकारी पोर्टल पर होस्ट किए जाने के बजाय, गूगल फॉर्म के जरिए चल रही है, जो कि घोटालेबाजों की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला एक आम तरीका है.

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फर्जी तस्वीरों के सहारे प्रचार

प्रामाणिक दिखने के लिए वेबसाइट के 'संगठन पुरस्कार' सेक्शन में अलग-अलग समारोहों में पुरस्कार हासिल करने वाले लोगों की कई तस्वीरें हैं. वास्तव में ये तस्वीरें इंटरनेट से ली गई हैं जिनका कहीं से कोई संबंध नहीं है. उदाहरण के लिए इनमें से एक तस्वीर जम्मू और कश्मीर में स्कूल कॉर्डिनेटर्स को सम्मानित करने वाले एक कार्यक्रम से ली गई है . इसी तरह एक और तस्वीर विज्ञान भवन में आयोजित पुरस्कार समारोह से ली गई है.

यह ध्यान देने योग्य है कि वास्तविक सरकारी नौकरी की लिस्ट वैरिफाइड पोर्टलों पर जारी की जाती है और भर्ती प्रक्रियाओं में अनौपचारिक चैनलों के जरिए कोई भी पेमेंट नहीं किया जाता है. इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए गृह मंत्रालय नागरिकों को सलाह देता है कि वे सोशल मीडिया या गैर-आधिकारिक वेबसाइटों पर विज्ञापित किसी भी नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले सरकारी संगठनों की आधिकारिक वेबसाइटों की जांच करें. यह जांचने के लिए कि कोई वेबसाइट किसी सरकारी संगठन से संबंधित है या नहीं, डोमेन एड्रेस देखें जिसमें gov.in या nic.in होना अनिवार्य है.

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