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'भारत के लिए मानवता सर्वोपरि', तुर्की-सीरिया से लौटे NDRF के जवानों से बोले पीएम मोदी

तुर्की-सीरिया में विनाशकारी भूकंप में रेस्क्यू के लिए भारत ने NDRF की टीमें भेजी थीं. जवानों के भारत लौटने पर पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए मानवता सर्वोपरि है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कल्पना कर सकता हूं कि आपकी मेहनत कितनी जबर्दस्त होगी. आप रेस्क्यू वहां कर रहे थे औऱ मैं यहां फील कर रहा था. इसलिए मैं आपको सैल्यूट करता हूं. 

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- PTI) पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

तुर्की-सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में रेस्क्यू के लिए भारत ने NDRF की टीमें भेजी थीं. जवानों के भारत लौटने पर पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए मानवता सर्वोपरि है. पीएम ने कहा कि भूकंप के दौरान भारत की त्वरित प्रतिक्रिया ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. यह हमारे बचाव और राहत दलों की तैयारियों का प्रतिबिंब है. 

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पीएम मोदी ने तुर्की और सीरिया में 'ऑपरेशन दोस्त' में शामिल कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि आपने मानवता की महान सेवा की है, भारत को गौरवान्वित किया है. 

पीएम मोदी ने कहा कि राहत दलों का काम प्रेरणादायक है. हम सभी ने वह तस्वीरें देखी हैं. जब एक मां आपका माथा चूमकर आशीर्वाद दे रही है. जब एक मलबे के नीचे दबी मासूम जिंदगी आपके प्रयासों से खिलखिला उठी. मलबे के बीच आप भी वहां मौत से मुकाबला कर रहे थे.

पीएम ने कहा कि वहां गई भारतीय टीम ने प्रोफेशनलिज्म और मानवीय संवेदनाओं का समावेश किया है, वो अतुलनीय है. ये तब औऱ भी काम आता है, जब कोई ट्रॉमा से गुजर रहा होता है. ऐसे में सेना के हॉस्पिटल और हमारे कर्मियों ने जिस संवेदना से काम किया वह प्रशंसनीय है.

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पीएम ने कहा कि 2001 में गुजरात में भूकंप आय़ा था, उन्होंने कहा कि मलबे में लोगों को खोजना बहुत मुशिकल होता है. ये मैंने देखा. कच्छ में एक हॉस्पिटल ही तबाह हो गया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कल्पना कर सकता हूं कि आपकी मेहनत कितनी जबर्दस्त होगी. आप रेस्क्यू वहां कर रहे थे औऱ मैं यहां फील कर रहा था. इसलिए मैं आपको सैल्यूट करता हूं. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई दूसरों की मदद करने में सक्षम होता है तो वह सेल्फलेस होता है. ये बात व्यक्तियों पर ही नहीं, ब्लकि राष्ट्रों पर भी लागू होती है. जहां हम तिरंगा लेकर पहुंचते हैं वहां एक भरोसा आ जाता है कि भारत की टीमें आ चुकी हैं.

 

 

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