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कृषि बिल के खिलाफ आज 'भारत बंद', पूरे देश में सड़कों पर उतरेंगे किसान

पंजाब में गुरुवार को किसानों ने तीन दिन तक रेल यातायात ठप करने का अभियान चलाया. किसान कई जगह रेल लाइनों पर बैठ गए हैं. पंजाब के किसानों ने यह भी कहा है कि सरकार अगर उनकी बात नहीं मानती है तो 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल यातायात ठप किया जाएगा.

पंजाब में रेल ट्रैक पर बैठे किसान पंजाब में रेल ट्रैक पर बैठे किसान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 12:42 AM IST
  • विरोध के पक्ष में 31 किसान संगठन
  • पंजाब और हरियाणा में ज्यादा प्रदर्शन
  • कई जगह रेल पटरियों पर बैठे किसान

संसद में अभी हाल में पारित किए गए दो कृषि बिलों के खिलाफ किसान संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया है. इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब और हरियाणा के ज्यादा किसान शामिल होने जा रहे हैं. इसके अलावा देश के 31 किसान संगठनों ने इस बंद का समर्थन किया है.

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि कृषि बिलों के खिलाफ भारत बंद को उसका पूर्ण समर्थन रहेगा. पंजाब में इस बिल का विरोध काफी पहले से जारी है. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब के दुकानदारों से अपील की है कि भारत बंद पर वे अपनी दुकानें बंद रखें और किसानों का समर्थन करें. 

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पंजाब में गुरुवार को किसानों ने तीन दिन तक रेल यातायात ठप करने का अभियान चलाया. किसान कई जगह रेल लाइनों पर बैठ गए हैं. पंजाब के किसानों ने यह भी कहा है कि सरकार अगर उनकी बात नहीं मानती है तो 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल यातायात ठप किया जाएगा. 

हरियाणा में भी कमोबेश यही हाल है. हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि बीकेयू के अलावा और भी कई किसान संगठनों ने भारत बंद का समर्थन किया है. गुरनाम सिंह ने कहा कि उन्होंने किसानों से अपील की है कि शांतिपूर्वक सड़कों और स्टेट हाइवे पर बैठ कर धरना प्रदर्शन करें. गुरनाम सिंह के मुताबिक नेशनल हाइवे पर किसी प्रकार के धरना प्रदर्शन की अपील नहीं की गई है. सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलने वाले धरना प्रदर्शन में किसी को हिंसक काम करने की इजाजत नहीं होगी.

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भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि भारत बंद में कमिशन एजेंट, दुकानदार और ट्रांसपोर्टर्स से अपील की गई है कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इसमें भाग लें और किसानों की बात उठाएं. उधर बंद को देखते हुए हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ बैठक की और हालात की जानकारी ली. अनिल विज ने प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल को तैयार रहना चाहिए. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे कानून-व्यवस्था का पूरा ख्याल रखें और कोरोना के सेफ्टी प्रोटोकॉल के तहत ही विरोध प्रदर्शन करें.

बंद को कई पार्टियों का समर्थन
किसानों की ओर से बुलाए गए इस बंद का कांग्रेस ने पूरा समर्थन किया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि शुक्रवार को भारत बंद में उसके लाखों कार्यकर्ता किसानों के साथ धरना में शामिल होंगे. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा कि किसान पूरे देश का पेट भरते हैं लेकिन मोदी सरकार किसानों के खेत पर हमला कर रही है. भारत बंद का समर्थन करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी भारत बंद पर किसानों के साथ खड़े हैं. कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता धरना एवं विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे. कांग्रेस पार्टी ने तय किया है कि शुक्रवार को हर राज्य में विरोध मार्च निकाला जाएगा. इसके बाद 28 सितंबर को हर राज्य के राज्यपाल को इस बाबत एक ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने भी किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है. राष्ट्रीय जनता दल ने एक बयान में कहा कि एनडीए सरकार द्वारा किसान विरोधी विधेयक पास करने के खिलाफ कल (शुक्रवार) सुबह 9 बजे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने आवास से किसानों और समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन करते हुए पार्टी कार्यालय जाएंगे. यूपी में समाजवादी पार्टी ने भी कहा है कि कल सभी जिलों में डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा. समाजवादी पार्टी कृषि एवं श्रम कानून के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगी. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के निर्देश पर कार्यकर्ता प्रदेश भर में प्रदर्शन करेंगे.

उधर पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पहले ही ऐलान किया है कि वह भारत बंद का समर्थन करेगी. लगभग 30 किसान संगठन भारत बंद पर सड़कों पर उतरने के लिए तैयार हैं. इससे पहले गुरुवार को पंजाब आम आदमी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल वीपी सिंह वडनोरे से मिला और अपना ज्ञापन राष्ट्रपति तक पहुंचाने का आग्रह किया. ज्ञापन में राष्ट्रपति से कृषि बिल को मंजूर नहीं करने का आग्रह किया गया है. बता दें, अभी हाल ही में संसद ने कृषि सुधारों से जुड़े दो बिल पारित किए हैं जिस पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्षी दल सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं. विपक्षी दलों की मांग है कि राष्ट्रपति इस बिल को नामंजूर कर दें.

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रेल रोको आंदोलन

अभी हाल में पंजाब के मोगा में कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि जुटे और बंद को लेकर रणनीति बनाई. इसी क्रम में किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 24 से 26 सितंबर तक रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है. जिन बड़े संगठनों ने बंद का समर्थन किया है उनमें भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), कृति किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहण), बीकेयू (लोखोवाल), बीकेयू (कादियान), बीकेयू (सिधूपुर), बीकेयू (दोआबा) और बीकेयू (दकुंडा) के नाम शामिल हैं. 

दिल्ली में भी किसानों की बड़ी तैयारी है. दिल्ली के किसान शुक्रवार सुबह 10 बजे बड़ा आंदोलन करेंगे. किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर रावता गांव से धुमनहेड़ा गांव, नजफगढ़ फिरनी और वीडियो दफ्तर से होते हुए डीसी दफ्तर कापसहेड़ा पहुंचेंगे. कोरोना के सभी एहतियात और गाइडलाइंस का पालन करते हुए किसान धरना प्रदर्शन करेंगे.

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