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आरक्षण में 'बंटवारे' पर बिहार-राजस्थान में बवाल, जानें- चुनावी राज्यों में कैसा रहा 'भारत बंद' का असर

21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटा से संबंधित एक फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा घोषित बंद का विभिन्न राज्यों में मिला-जुला असर रहा. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इस बंद का आंशिक प्रभाव देखा गया. बिहार में कहीं-कहीं पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं. दिल्ली के प्रमुख बाजार जैसे कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, करोल बाग और कनॉट प्लेस में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा, यहां सामान्य रूप से व्यापार चालू रहा.

भारत बंद का रहा मिला-जुला असर भारत बंद का रहा मिला-जुला असर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

सुप्रीम कोर्ट के कोटे में कोटा से संबंधित एक फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को बंद का ऐलान किया था. कुछ राज्यों में आम जन-जीवन प्रभावित भी हुआ लेकिन ज्यादातर स्थानों पर मिला-जुला असर रहा. बंद के पीछे कई प्रमुख मांगे और समस्याएं थीं, जिसे लोगों के ध्यान में लाने की कोशिश थी. दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में भी इसका मिला-जुला असर रहा. बिहार में कुछ स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी देखी गई.

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राजधानी दिल्ली में भी भारत बंद का असर नहीं दिखा. मसलन, मार्केट एसोसिएशन ने पहले ही इस बंद को लेकर फैसला किया था कि, दिल्ली में मार्केट खुली रहेंगी. हुआ भी ऐसा ही. यहां कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, खारी बावली, नया बाजार, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, करोल बाग, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर और सरोजिनी नगर समेत कमोबेश 700 मार्केट खुले रहे.

पंजाब और हरियाणा में भारत बंद का कोई खास असर नहीं दिखा

पंजाब और हरियाणा में भारत बंद की अपील की गई है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को नहीं मिला. सामान्य जनजीवन में कोई बड़ी रुकावट नहीं आई, व्यापारिक गतिविधिया सामान्य रूप से जारी रहीं. सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर कोई खास असर नहीं पड़ा और सड़कें भी सामान्य रूप से खुली रहीं. अधिकांश शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय भी खुले रहे.

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राजस्थान में दिखा भारत बंद का असर

राजस्थान में कई एससी/एसटी समूहों ने बंद को अपना समर्थन दिया था. भारत बंद की अपील के बाद राजस्थान के जयपुर, दौसा, भरतपुर, गंगापुर सिटी,डीग समेत पाँच ज़िलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई थी.

यूपी में प्रदर्शन और मार्च, सामान्य जीवन पर खास प्रभाव नहीं

उत्तर प्रदेश में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन और मार्च आयोजित किए गए. विभिन्न संगठनों द्वारा अपने-अपने मुद्दों को लेकर सड़कों पर निकाले गए जुलूसों के बावजूद जनजीवन सामान्य रूप से चलता रहा. बाजार और स्कूल- कॉलेज खोलने पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने सतर्कता दिखाई और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. कुछ स्थानों पर पुलिस को भीड़ को काबू करते भी देखा गया.

बिहार में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया

बिहार में भारत बंद के दौरान विभिन्न जगहों पर सड़कों और रेल ट्रैकों को रोकने करने की कोशिश की गई. भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस टीम ने लाठीचार्ज की, जिसमें कुछ प्रदर्शनकारियों को चोटें आई हैं. ट्रैफिक जाम और ट्रेन सेवाओं में रुकावट के चलते आम लोगों को यहां थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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ओडिशा में सड़क और रेल सेवा आंशिक रूप से प्रभावित

ओडिशा में भारत बंद के कारण सड़क और रेल सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं. विभिन्न संगठन और राजनीतिक दल अपने-अपने मुद्दों के साथ सड़कों पर उतरे, जिससे कुछ समय के लिए ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित हुआ. हालांकि, आम जनजीवन सामान्य रहा और दुकानों और व्यवसायों पर बंद के अपील का कोई खास असर नहीं पड़ा.

झारखंड में भारत बंद का मिला-जुला असर

झारखंड में एससी-एसटी आरक्षण के मुद्दे पर बुलाए गए भारत बंद का मिला-जुला असर देखा गया. कुछ जिलों में बंद का व्यापक समर्थन मिला, जिससे स्थानीय बाजार और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ा. अन्य जिलों में बंद की अपील लगभग असफल रही और सामान्य जीवन प्रभावित नहीं हुआ. पुलिस ने हालात की निगरानी करते हुए मामूली घटनाओं को नियंत्रित किया.

क्यों किया गया था भारत बंद का ऐलान?

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अपील की थी, जिसमें कहा गया है कि राज्यों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति में ‘क्रीमी लेयर’ की पहचान करनी चाहिए और उन्हें कोटा लाभ से बाहर रखना चाहिए.

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