
भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह CoWIN पोर्टल में इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन iNCOVACC को शामिल करे, ताकि वैक्सीन लेने वालों को वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मिल सके. कंपनी के सूत्रों ने कहा कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल संभावित साझेदारों के साथ चर्चा कर रही है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर इंट्रानेजल वैक्सीन के निर्माण और वितरण के लिए कंपनी से संपर्क किया है.
सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि सरकार की ओर से iNCOVACC को इमरजेंसी में यूज के लिए मंजूरी दी गई है और वैक्सीन लेने वालों को सर्टिफिकेट की जरूरत भी होगी, इसलिए हमने केंद्र सरकार से अपील की है कि COWIN पोर्टल में iNCOVACC को शामिल किया जाए. COWIN पोर्टल में वैक्सीन के शामिल होने के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में से होगा, जिसने कोविड के खिलाफ अपने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में एक इंट्रानेजल वैक्सीन को शामिल किया है.
वर्तमान में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशील्ड और कोवोवैक्स, रूसी स्पुतिनिक वी और बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की कॉर्बेवैक्स वैक्सीन कोविन पोर्टल पर लिस्टेड हैं. भारत बायोटेक ने बीते 6 सितंबर को घोषणा की थी कि उसकी दुनिया की पहले इंट्रानेजल COVID-19 वैक्सीन iNCOVACC (BBV154) को डीजीसीआई की ओर 18 वर्ष से ऊपर लोगों के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है.
यह वैक्सीन नाक के जरिए स्प्रै करके दी जाती है, मतलब वैक्सीन लेने वाले की बांह पर टीका नहीं लगाया जाता. इसकी दो खुराक दी जाती हैं. सूत्रों ने कहा कि राज्य या केंद्र सरकारों ने खरीद के लिए कोई अपील नहीं की है. दूसरे देशों से मंजूरी मिलने के बाद iNCOVACC को अन्य देशों में वैक्सीन को निर्यात करने की योजना बना रहा है. इस इंट्रानेजल को भारत में 18 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए CDSCO से भी मंजूरी मिल गई है. वैक्सीन को वाशिंगटन विश्वविद्यालय, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था.
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन का 4 हजार वॉलिंटियर्स पर क्लीनिकल ट्रायल किया है. इनमें से किसी पर इसका कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है. अगस्त महीने में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के बाद साफ हो गया था कि BBV154 वैक्सीन इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है. BBV154 के बारे में भारत बायोटेक ने बताया है कि इस वैक्सीन को नाक के जरिए दिया जाता है. यह भी कहा गया है कि यह वैक्सीन किफायती है जो कि कम और मध्यम आय वाले देशों के लिए ठीक रहेगी. बताया गया है कि यह वैक्सीन इंफेक्शन और संक्रमण को कम करेगी.