
हाल ही में रामलीला मैदान में बुलाई गई किसान मजदूर की महापंचायत में एक प्रस्ताव लाया गया था. इसमें मांगें ना माने जाने पर लोकसभा चुनाव में केंद्र सरकार का विरोध किए जाने की बात कही गई थी. लेकिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में सक्रिय भारतीय किसान यूनियन ने लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के लिए प्रचार करने या चुनावी मंच साझा करने से किनारा कर लिया है.
नरेश टिकैत और राकेश टिकैत की भारतीय किसान यूनियन ने अपने तमाम संगठनों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि भारतीय किसान यूनियन का कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता किसी भी राजनीतिक दल के मंच, कार्यक्रम या उसके प्रचार प्रसार में शामिल ना हो.
'प्रचार से दूर रहें लेकिन वोट किसी को भी दे सकते हैं'
भारतीय किसान यूनियन ने अपनी चिट्ठी में कहा कि देश में लोकसभा चुनाव 2024 होने जा रहा है जो सात चरणों में पूरा होगा इसलिए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता किसी भी पार्टी के मंच कार्यक्रम या प्रचार प्रसार में शामिल ना हों. हालांकि वोट करना सभी का अधिकार है और उसके लिए आप स्वतंत्र रूप से किसी को भी वोट कर सकते हैं.
यानी भारतीय किसान यूनियन ने अपने संगठनों से यह कहा है कि वह चुनावी मंचों से किनारा कर लें लेकिन वह अपनी इच्छानुसार मतदान जरूर करें. कृषि कानून के खिलाफ राकेश टिकैत और उनकी भारतीय किसान यूनियन आक्रामक रूप से धरने प्रदर्शन में शामिल रहे हैं और हाल ही में रामलीला मैदान में हुई किसान मजदूर महापंचायत में भी भारतीय किसान यूनियन शामिल था.
बीजेपी के खिलाफ प्रचार कर चुके हैं राकेश टिकैत
हालांकि कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में राकेश टिकैत बीजेपी के खिलाफ प्रचार कर चुके हैं. खासकर कृषि कानून के दौरान हुए विधानसभा चुनाव में कई किसान संगठनों ने बीजेपी के खिलाफ अपील की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव के ठीक पहले भारतीय किसान यूनियन ने औपचारिक रूप से बयान जारी करके लोकसभा चुनाव से खुद को अलग कर लिया है और अपने संगठनों से कहा है कि वह अपनी इच्छानुसार मतदान करें लेकिन किसी पार्टी के लिए प्रचार प्रसार में शामिल न हों.