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18वीं लोकसभा के लिए बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर चुना गया है. प्रोटेम स्पीकर के तौर पर ओडिशा के कटक से सांसद महताब की जिम्मेदारी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने की है. लेकिन उनकी नियुक्ति पर अब सवाल भी उठ रहे हैं. कांग्रेस ने इसे लेकर आपत्ति जताई है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम अध्यक्ष नियुक्त किया है. वे लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि सात बार सांसद रह चुके भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य प्रोटेम स्पीकर के समक्ष शपथ लेंगे. अध्यक्षों के एक पैनल द्वारा उनकी सहायता की जाएगी. इस पैनल में कांग्रेस नेता के सुरेश, डीएमके नेता टी आर बालू, भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते और टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल होंगे.
कांग्रेस क्यों कर रही है विरोध?
कांग्रेस ने बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसका विरोध करते हुए कहा कि परंपरा के अनुसार जिस सांसद का कार्यकाल सबसे अधिक है, उसे नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने के लिए संसद सत्र के शुरुआती दो दिनों तक प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है. 18वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद कांग्रेस के के. सुरशे और बीजेपी के वीरेंद्र कुमार हैं. दोनों नेता अपना आठवां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं.
जयराम रमेश ने कहा कि वीरेंद्र कुमार केंद्रीय मंत्री हैं तो ऐसे में के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था.लेकिन इसके बजाए सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया. वह छह बार बीजेडी के सांसद रह चुके हैं और अभी बीजेपी के सांसद हैं.
कौन हैं भर्तृहरि महताब?
भर्तृहरि महताब का जन्म 8 सितंबर 1957 को हुआ था. उनके पिता का नाम डॉ. हरेकृष्ण महताब है. भर्तृहरि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 28 मार्च 2024 को बीजेडी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. वह 1998 में ओडिशा की कटक लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे. इसके बाद वह कटक लोकसभा सीट से ही साल 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 और 2024 में लोकसभा चुनाव जीते. उन्हें 2017 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला था. इसके साथ ही 'वाद-विवाद' में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है.
बता दें कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा. नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे. जबकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है.