
केंद्र सरकार ने मंगलवार देर रात आदेश जारी कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पूर्व प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया. उन्हें भारत सरकार में सचिव स्तर का दर्जा दिया गया है.
बता दें कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) एक स्वतंत्र निकाय है, जो सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित नीतिगत मामलों पर सलाह देने के लिए गठित किया गया है.
EAC-PM में कौन-कौन शामिल?
EAC-PM के वर्तमान सदस्यों में, सुमन बेरी (अध्यक्ष), संजय कुमार मिश्रा (पूर्णकालिक सदस्य), संजीव सान्याल (सदस्य), डॉ. शमिक रवी (सदस्य), राकेश मोहन (पार्ट-टाइम सदस्य), डॉ. सज्जिद चिनॉय (पार्ट-टाइम सदस्य), डॉ. नीलकंठ मिश्रा (पार्ट-टाइम सदस्य), नीलेश शाह (पार्ट-टाइम सदस्य), प्रो. टीटी राम मोहन (पार्ट-टाइम सदस्य), डॉ. पूनम गुप्ता (पार्ट-टाइम सदस्य) शामिल हैं.
कौन हैं संजय मिश्रा?
संजय कुमार मिश्रा 1984 बैच के IRS अधिकारी हैं. संजय मिश्रा को आर्थिक विशेषज्ञ भी कहा जाता है और इनकम टैक्स के कई मामलों की जांच में अहम भूमिका भी निभा चुके हैं. यही वजह है कि उन्हें ईडी चीफ नियुक्त किया गया था. ईडी चीफ बनने से पहले मिश्रा दिल्ली में इनकम टैक्स विभाग में चीफ कमिश्नर पद पर तैनात थे.
बता दें कि संजय मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर 2018 को दो साल की अवधि के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया था. उन्हें नवंबर, 2020 में पद छोड़ना था, लेकिन इससे पहले मई में वे 60 साल यानी रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच गए थे. नवंबर 2020 में उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल 2 साल की जगह बढ़ाकर तीन साल कर दिया था.
इसके बाद केंद्र सरकार नवंबर 2021 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम के साथ-साथ दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (डीएसपीई) अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाई थी, इसके तहत सीबीआई और ईडी चीफ को 1-1 साल के तीन सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. बाद में यह संसद में भी पारित हो गया.
एक के बाद एक मिले एक्सटेंशन
इसके बाद नवंबर 2021 में ही संजय मिश्रा को दूसरी बार एक साल के लिए सेवा विस्तार मिला था. इसके बाद नवंबर 2022 में केंद्र सरकार ने तीसरी बार संजय कुमार मिश्रा को एक साल का एक्सटेंशन दिया था. इसके मुताबिक संजय मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2023 को खत्म होना था. लेकिन इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने एक्सटेंशन के आदेश को रद्द कर दिया.