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बिहार: चुनाव के बीच जमीन बंटवारे के लिए अनंत सिंह को मिल गई 15 दिनों की पैरोल!

राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को जमीन बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को होने वाली वोटिंग से पहले अनंत सिंह जेल से बाहर आए हैं.

बाहुबली नेता अनंत सिंह बाहुबली नेता अनंत सिंह
शशि भूषण कुमार
  • पटना,
  • 05 मई 2024,
  • अपडेटेड 4:22 PM IST

बिहार के बाहुबली लीडर और मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह को पैरोल मिल गई है और वो जेल से बाहर आ गए हैं. राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने अनंत को अपनी पुश्तैनी जमीन जायदात के बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल पर रिहा करने का निर्देश दिया है. बता दें कि मुंगेर लोकसभा सीट पर 13 मई को होने वाली वोटिंग से पहले अनंत सिंह जेल से बाहर आए हैं. ऐसे वक्त में उनका जेल से बाहर आना बेहद अहम माना जा रहा है. अनंत सिंह, मौजूदा वक्त में पटना की बेऊर जेल में सजा काट रहे हैं. 

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'बाहुबल के सहार सीट जीतना चाह रहे...'

अनंत सिंह को पैरोल मिलने पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार ने पैरोल दे दिया है लेकिन सरकार में बेचैनी बढ़ गई है. अब सरकार बाहुबल, धनबल का प्रयोग कर रही है और बाहुबल धनबल के भरोसे किसी तरह से कुछ सीट जीतना चाह रही है. लेकिन ये संभव नहीं क्योंकि जनबल तेजस्वी यादव के साथ है. जनता का बल लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत है. सरकार चाहे किसी को भी पैरोल दे, कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. सरकार दूसरों को क्या पैरोल देगी, खुद ही पेरोल पर है.

NDA के लिए फायदेमंद हैं 'छोट सरकार'?

अनंत सिंह को उनके इलाके में लोग छोटे सरकार के नाम से जानते हैं. कभी नीतीश कुमार के बेहद खास रहे अनंत सिंह बाद में राजनीतिक कारणों से सीएम से दूर होते चले गए और लालू यादव के करीबी हुए. लेकिन अब एक बार फिर अनंत सिंह एनडीए के पाले में हैं. जानकारों का दावा है कि अनंत सिंह भले ही खुले तौर पर चुनाव प्रचार ना भी करें, तब भी वह अपने स्तर से जेडीयू के लोकसभा उम्मीदवार और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को फायदा पहुंचा सकते हैं. 

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गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में ललन सिंह और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के बीच सीधी टक्कर मुंगेर लोकसभा सीट पर हुई थी. तब ललन सिंह जेडीयू उम्मीदवार थे और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी कांग्रेस की उम्मीदवार थीं. वहीं जब अनंत सिंह को सजा हुई तो उनकी विधायकी चली गई, तब मोकामा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में नीलम देवी आरजेडी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरीं. नीलम देवी जब विधानसभा उपचुनाव लड़ रही थीं, तब नीतीश और लालू एक साथ थे. नतीजा यह हुआ कि ललन सिंह ने मोकामा विधानसभा उपचुनाव के दौरान अनंत सिंह की पत्नी के लिए वोट मांगे थे. 

यह भी पढ़ें: ललन सिंह का बीजेपी कार्यकर्ता ने पकड़ लिया हाथ, मांगा 5 साल के काम का हिसाब

उधर, ललन सिंह के सामने मोकामा सीट इस वक्त चुनौती बनी हुई है. कारण, लालू यादव ने यहां कुख्यात गैंगस्टर रहे अशोक महतो की पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है. अशोक महतो पिछले दिनों ही जेल से बाहर आया था और अब ललन सिंह पैरोल पर जेल से बाहर आ रहे हैं. ऐसे में जानकार मानते हैं कि ललन सिंह को अनंत सिंह से बड़ी उम्मीदें भी होंगी. अनंत सिंह न केवल मोकामा बल्कि पूरे मुंगेर लोकसभा सीट पर अपना प्रभाव दिखा सकते हैं और इसका फायदा सीधे-सीधे ललन सिंह को मिल सकता है.

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