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बिहार BJP चीफ दिलीप जायसवाल को मिली Y+ सिक्योरिटी, IB रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय का फैसला

दिलीप जायसवाल को इंटेलिजेंस ब्यूरो की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा दी है. अब, CRPF के जवान उनकी सुरक्षा में काम करेंगे.

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिली जायसवाल (फाइल फोटो) बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिली जायसवाल (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • पटना,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

बिहार (Bihar) में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल (Dilip Jaiswal) को गृह मंत्रालय की तरफ से VIP सुरक्षा मिली है. केंद्र सरकार ने बीजेपी नेता को Y+ सिक्योरिटी मुहैया करवाई है. अब, CRPF के जवान उनकी सुरक्षा में काम करेंगे. बता दें कि दिलीप जायसवाल को इंटेलिजेंस ब्यूरो की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा दी है. 

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पिछले दिनों बिहार बीजेपी के संगठन में बड़ा बदलाव हुआ. पार्टी ने दिलीप जायसवाल (60) को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. इससे पहले सूबे की कमान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी संभाल रहे थे. दिलीप जायसवाल मूल रूप से खगड़िया जिले के रहने वाले हैं. उनकी सीमांचल इलाके में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. वे पूर्णिया, अररिया और किशनगंज क्षेत्र से तीन बार के एमएलएसी हैं. जायसवाल 20 साल तक बीजेपी के कोषाध्यक्ष भी रहे हैं. 

इससे पहले सम्राट चौधरी 16 महीने तक प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ा गया और जनवरी 2024 में राज्य की सत्ता में भी परिवर्तन हुआ है. चौधरी को नीतीश सरकार में डिप्टी सीएम बनाया गया है. सम्राट से पहले संजय जायसवाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे.

बिहार में 36 फीसदी है अति पिछड़ा वर्ग

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दिलीप जायसवाल कलवार जाति से ताल्लुक रखते हैं. माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने राज्य के सबसे बड़े वर्ग को साधने के लिए अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है. यही वजह है कि बीजेपी ने 16 महीने बाद एक बार फिर अत्यंत पिछड़े वर्ग के बड़े चेहरे माने जाने वाले दिलीप पर दांव लगाया है. इसके साथ ही पार्टी ने अपने कोर वोटर्स का भी ख्याल रखा है. बिहार में सबसे ज्यादा 36 फीसदी अति पिछड़ा वर्ग से जुड़ी आबादी है. राज्य में 27.12 फीसदी पिछड़ा वर्ग है. अनुसूचित जाति वर्ग 19.65 फीसदी है. सामान्य वर्ग की 15.52 फीसदी आबादी है. 

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गृह मंत्री शाह के करीबी माने जाते हैं दिलीप

दिलीप जायसवाल की केंद्रीय नेतृत्व से भी खासी नजदीकियां हैं. उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी करीबी माना जाता है. जायसवाल राज्य की एनडीए सरकार में राजस्व मंत्री हैं. वे 2009 में पहली बार एमएलसी बने थे. उसके बाद वे अब तक तीसरी बार विधान परिषद सदस्य चुने गए हैं.

दिलीप के पास सिक्किम का प्रभार

दिलीप जायसवाल के पास अभी राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्रालय है. वे सिक्किम के प्रदेश प्रभारी भी हैं. हालांकि, अब नई जिम्मेदारी के बाद पार्टी अतिरिक्त प्रभार वापस ले सकती है. चूंकि, सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के लिए पार्टी एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला लागू करती है.

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जायसवाल ने MSC, MBA, PhD और मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की है. वे सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भी सक्रिय देखे गए हैं. दिलीप से पहले संजय जायवाल भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. उसके बाद सम्राट चौधरी को भी बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. 

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'ईमानदारी से काम करूंगा...'

प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद दिलीप जायसवाल ने आजतक से बातचीत में कहा, राजस्व मंत्री के रूप में जब पहले दिन कुर्सी पर बैठे तो मैंने कहा था कि मंत्री भ्रष्टाचारी नहीं होगा. राजस्व विभाग को अब तक बहुत बेतहर तरीके से संभालता आ रहा हूं. पार्टी ने अभी प्रदेश अध्यक्ष की नई जिम्मेदारी दी है. मैं राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं. मैं ईमानदारी से संगठन के लिए काम करूंगा. पार्टी को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा. पार्टी ने जो विश्वास जताया है, उस जिम्मेदारी पर खतरा उतरने की कोशिश करूंगा. हमारी प्राथमिकता है कि संगठन मजबूत हो. जो कार्यकर्ता हैं, उन्हें सम्मान दिया जाए. 2025 के चुनाव में एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का काम करेंगे.

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